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खान व खनिज विभाग में नियम विरुद्ध पदोन्नति का मामला हुआ उजागर, भामसंघ से संबद्ध कर्मचारी संघ ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग

अबतक इंडिया न्यूज बीकानेर 11  जुलाई। राजस्थान सरकार के उपक्रम राजस्थान राज्य खान व खनिज लिमिटेड में नियम विरुद्ध पदोन्नति का मामला उजागर हुआ है। जिसमें आठ अधिकारियों द्वारा आपस में बंदरबांट करते हुए डीपीसी का दुरुपयोग कर सीधी भर्ती के पदों पर पदोन्नति ले ली गई। जबकि कुछ एससी-एसटी आरक्षित पदों पर भी जनरल केटेगरी के अधिकारियों को भी पदोन्नति दे दी गई। मामले की कलई खुलती देख विभागीय अधिकारियों द्वारा लीपापोती करने की कोशिश शुरु हो गई है।
भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध आरएसएमएम कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष राकेश ओझा ने बताया कि राज्य सरकार के उपक्रम राजस्थान राज्य खान व खनिज विभाग के मुख्यालय मे हुई विभागीय डीपीसी में नियम विरुद्ध तरीके से आठ अधिकारियों के प्रमोशन ई-4 कैटेगरी से ई-5 कैटेगरी में उप-महाप्रबंधक के पद पर किये गये हैं। जबकि इन पदों के लिए प्रमोशन केडर में कोई पद रिक्त नहीं थे। इसके बावजूद अपने पद का दुरुपयोग करते हुए डीपीसी की आड़ में एससी-एसटी के सीधी भर्ती के पदों को प्रमोशन केडर में मानते हुए नियम विरुद्ध जाकर जनरल केटेगरी के अधिकारियों को पदोन्नति का अनुचित लाभ प्रदान किया गया।

जब इस संबंध में कर्मचारी संघ द्वारा खान व खनिज विभाग उदयपुर के प्रबंध निदेशक तथा राजस्थान सरकार खान विभाग जयपुर के अधिकारियों से मामले की गंभीरता को देखते हुए कारवाई की मांग की गई तो खान व पेट्रोलियम विभाग जयपुर द्वारा आरएसएमएम लिमिटेड विभाग उदयपुर को पत्र क्रमांक प.10(01)खान/ग्रुप-1/2021 दिनांक 28 मार्च 2024 भेजकर जवाब मांगा गया। मामले को खुलता देख लीपापोती करते हुए प्रत्युत्तर में आरएसएस विभाग द्वारा लिखा गया कि वरिष्ठ प्रबंधक से उप-महाप्रबंधक के आठ पदों पर अधिकारियों को अस्थाई तौर पर रिक्त पदों का इस्तेमाल करते हुए पदोन्नति प्रदान की गई है। विभाग के इस लचर जवाब से भी स्पष्ट हो गया है कि उपरोक्त आठ अधिकारियों की पदोन्नति के लिए आठों पद स्थाई रुप से रिक्त नही थे इसीलिए अस्थाई पदोन्नति की गई। जबकि ऐसा करना विभाग के किसी भी नियम में जायज नही है।

इससे माईनिंग संस्थान को इन आठ अधिकारियों को प्रतिमाह दिये जाने वाले अतिरिक्त वेतन भत्तों के अनुचित लाभ से लाखों रुपयों का नुकसान हो रहा है। कर्मचारी संघ प्रतिनिधि मंडल द्वारा जब प्रबंधन से इसी प्रकार से सीधी भर्ती के पदों पर 20-25 वर्षों से प्रमोशन की बाट जो रहे कर्मचारियों को पदौन्नति देने का निवेदन किया तो विभागीय अधिकारियों ने सीधी भर्ती केडर पदों में प्रमोशन केडर में उपयोग नही किये जाने का हवाला दे रहे हैं। जबकि आठ अधिकारियों को सीधी भर्ती केडर में प्रमोशन कर दिये हैं। एक विभाग में दो नियम चलाकर पदो का दुरुपयोग कर चहेतों को अनुचित लाभ दिया जाना प्राकृतिक न्याय के खिलाफ है। पुर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में घटित इस अति संवेदनशील मामले की उच्चस्तरीय जांच करवाने की मांग राजस्थान राज्य खान व खनिज कर्मचारी संघ (भामसंघ) द्वारा खान मंत्रालय के प्रभारी माननीय मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार से ज्ञापन भेज कर की गई है। आरटीआई से प्राप्त पत्रावली उपरोक्त आठ पदों पर सीधी भर्ती कोटे के पदों पर प्रमोशन करने की कहानी उजागर कर रही है।

इन अधिकारियों को दिया अनुचित लाभ-
इलेक्ट्रिक केडर के दो पदों पर दूसरे केडर मेकेनिकल केडर के दो अधिकारियों एच गेनोत्रा व शैलेश जोशी का प्रमोशन कर दिया गया। मेकेनिकल केडर की सीधी भर्ती के एक पद पर शमीम अहमद को प्रमोशन दिया गया। माइनिंग केडर के अनुसूचित जाति के पद पर वित्त एवं लेखा केडर के वाय के शर्मा जनरल केटेगरी का प्रमोशन किया गया। माइनिंग केडर सीधी भर्ती के पद पर वित्त एवं लेखा केडर के दिनेश दर्गड़ का प्रमोशन किया गया। सबसे आश्चर्यजनक लेबोरेट्री केडर के सीधी भर्ती पद पर कार्मिक प्रशासन केडर के रणवीर सिंह शेखावत का प्रमोशन किया गया। माइनिंग केडर सीधी भर्ती के जनरल केटेगरी के पद पर पीएंडऐ केडर के अनुसूचित जाति के रिपन संधु को प्रमोट किया गया। इसी प्रकार से माइनिंग केडर सीधी भर्ती के पद पर पीएंडऐ केडर के बीएस पत्रावत का प्रमोशन किया गया।

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