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हाई कोर्ट के अधिवक्ता मिलाप चोपड़ा को मिली पीएचडी की मानद उपाधि

अबतक इंडिया न्यूज बीकानेर 11 जुलाई । “भारत में न्याय वितरण प्रणाली पर ग्राम न्यायालय और लोक अदालत के प्रभाव का आंकलन: लंबित मामलों का न्यायपूर्ण निपटारा करने की चुनौतियों का एक आलोचनात्मक अध्ययन” विषय पर विद्या वाचस्पति यानी पी एच डी की उपाधि प्रदान की गई। चोपड़ा ने 2015 से राजस्थान उच्च न्यायालय में वकालात की शुरुआत करने के बाद, 2020 में कोरोनाकाल को अवसर मानते हुए पीएचडी का अध्ययन प्रारम्भ किया और 2024 में शोध कार्य आरएनबी ग्लोबल विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ़ लॉ के विभागाध्यक्ष और सह आचार्य डॉ अशोक प्रेम के निर्देशन में पूर्ण किया।

“भारत में न्याय वितरण प्रणाली पर ग्राम न्यायालय और लोक अदालत के प्रभाव का आंकलन: लंबित मामलों का न्यायपूर्ण निपटारा करने की चुनौतियों का एक आलोचनात्मक अध्ययन” विषय पर विद्या वाचस्पति यानी पी एच डी की उपाधि प्रदान की गई।

विश्वविद्यालय के उप परीक्षा नियंत्रक डॉ. गजानंद मोदी ने बताया कि अधिवक्ता चोपड़ा को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा तय किए गए मानकों के आधार पर शोध कार्य पूर्ण करने के उपरांत यह उपाधि प्रदान की गई। अधिवक्ता चोपड़ा ने इस शोध कार्य में ग्राम न्यायालय और लोक अदालत के काम काज तथा वर्तमान स्थिति की समीक्षा करी और इस संबंध में संविधान तथा अन्य कानून में दिए गए प्रावधानों का गहन विश्लेषण किया और ग्राम न्यायालय तथा लोक अदालत के बेहतर परिणामों के लिए, किए जा सकने वाले कानूनी और सामाजिक सुधारो को भी अपने शोध कार्य में समाविष्ट किया। उल्लेखनीय है कि मिलाप चोपड़ा राजस्थान उच्च न्यायालय में उप राजकीय अधिवक्ता हैं तथा पूर्व महापौर नारायण चोपड़ा के सुपुत्र हैं।
पीएचडी उपाधि प्राप्त होने पर अधिवक्ता चोपड़ा को विश्वविद्यालय के प्रेसिडेंट डॉ. जी एस. राठौड़, डीन-रिसर्च डॉ. राकेश भार्गव ,कुल सचिव डॉ दीपाली गुप्ता और स्कूल आफ लॉ के डीन डॉ. अनिल कौशिक ने बधाई दी।

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