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खाद्य सुरक्षा योजना में अगर नहीं करवाई ई-केवाईसी तो नहीं मिलेंगे गेहूं ,यह हैं अंतिम तिथी

अबतक इंडिया न्यूज 11 जून । सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद देशभर में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (एनएफएसए) से जुड़े परिवारों की केवाईसी का काम शुरू हो गया. इसके चलते प्रदेश में कई राशन डीलरों ने अभी तक राशन का गेंहू बांटना शुरू कर नहीं किया है. केवाईसी जिन राशन डीलरों के यहां पूरी हो गई है वहां गेंहू वितरण शुरू हो गया, जबकि जहां पूरा नहीं हुआ है वहां अभी केवाईसी का काम चल रहा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक अभी सबसे ज्यादा केवाईसी कोटा जिले में हुई है, जबकि सबसे कम बाड़मेर जिले में। राशन की दुकानों पर इन दिनों गेहूं लेने से ज्यादा ई-केवाईसी करवाने वाले खाद्य सुरक्षा के लाभार्थियों की लंबी-लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं. खाद्य सुरक्षा योजना में पारदर्शिता लाने के लिए प्रदेश की सभी उचित मूल्यों की दुकानों पर खाद्य सुरक्षा के लाभार्थियों की राशन दुकान पर अपना आधार कार्ड और राशन कार्ड साथ बायोमेट्रिक अंगूठा लगाकर केवाईसी की जा रही है. अंगूठा नहीं लगने की स्थिति में सदस्य की आइरिश स्कैनर से केवाईसी की जा रही है. कोई भी व्यक्ति घर बैठे ओटीपी या अन्य उपकरण के जरिए केवाईसी नहीं कर पाएंगे. इसके अलावा केवाईसी के लिए पात्र व्यक्ति को राशन की दुकान पर खुद उपस्थित होना होगा. 30 जून तक केवाईसी नहीं कराई तो खाद्य सुरक्षा सूची से अपने आप नाम कट सकता है.

करीब 37 फीसदी यूनिट्स की केवाआईसी पूरी
दरअसल खाद्य सुरक्षा योजना के तहत लाभार्थियों की ई-केवाईसीके संबंध में विचाराधीन रिट-पिटीशन सर्वोच्च न्यायालय में पारित निर्णय 19 मार्च 2024 के संबंध में सभी लाभार्थियों की ई-केवाईसी करवाई जाकर 16 जुलाई से पहले राज्य के मुख्य सचिव की ओर से सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष शपथ-पत्र प्रस्तुत करना है. इस पिटीशन में कहा गया था कि कई ऐसे परिवार या सदस्य है जिनकी कोरोना में मृत्यु हो गई और उनका रिकॉर्ड या नाम अब तक इस सूची में शामिल है. इस कारण नए नाम इस सूची में जुड़ नहीं पा रहे. खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक 1.07 करोड़ परिवार के 4.36 करोड़ लोग (यूनिट्स) है, जिनका नाम खाद्य सुरक्षा योजना (एनएफएसए) की सूची में जुड़ा है. इनमें से करीब 37 फीसदी यूनिट्स (करीब 1.61 करोड़ लोगों) की केवाआईसी पूरी हो चुकी है.

फर्जीवाड़े की जानकारी के बाद विभाग खाद्य सुरक्षा योजना से नाम भी काट सकता
जिलेवार रिपोर्ट देखे तो कोटा में 61.25 फीसदी, जबकि बाड़मेर में सबसे कम 20.04 फीसदी लोगों की ही केवाईसी हुई है. विभाग अब उचित मूल्य दुकानदारों के माध्यम से जिलें में पात्र लाभार्थियों के परिवार के सभी सदस्यों की ई-केवाईसी करके देखेगा कि वास्तव में कितने लोग हैं जो कि पात्र हैं. फर्जीवाड़े की जानकारी के बाद विभाग खाद्य सुरक्षा योजना से नाम भी काट सकता है क्योंकि अभी देखा गया है कि जिनकी मौत हो गई और उनके परिजन उनके नाम का गेहूं उठाकर उपभोग कर रहे हैं. खाद्य सुरक्षा सूची में शामिल परिवारों में ऐसे कई नाम जुड़े हुए हैं, जिनकी बेटियों की शादी हुए कई साल हो गए हैं लेकिन वे फिर भी उनके नाम पर राशन ले रहे हैं. ई-केवाईसी होने के बाद उनके नाम स्वतः ही खाद्य सुरक्षा सूची से हट जाएंगे. इस तरह फर्जीवाड़ा कर राशन ले रहे लोगों पर लगाम लगाई जा सकेगी.

राज्य के 33 में से 6 जिले ऐसे है जिनमें 50 फीसदी लोगों की केवाईसी का काम पूरा हो गया है. इसमें कोटा के अलावा प्रतापगढ़, चूरू, बूंदी और झालावाड़ जिला शामिल है. वहीं 8 जिले ऐसे है जिनमें 30 फीसदी से भी कम लोगों की केवाईसी पूरी हुई है. इस सूची में बाड़मेर के अलावा अलवर, बारां, जोधपुर, जैसलमेर, सीकर, उदयपुर और राजसमंद का नाम शामिल है.

गौरतलब है कि कोविड के बाद राजस्थान में पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने इस सूची में 10 लाख नए लोगों के नाम जोड़े थे. इसके लिए अप्रैल 2022 से आवेदन लेने शुरू किए थे और उन्हें मार्च 2023 तक जोड़ने का काम किया था लेकिन अभी भी नाम जुडवाने वाले पात्र व्यक्तियों की सूची की फेरहिस्त लंबी हैं. यदि ई-केवाईसी के दौरान खाद्य सुरक्षा योजना की सूची में अपात्रों के नाम हटते हैं तो पात्र व्यक्तियों को सूची में शामिल किया जा सकेगा, जिससे उन्हे भी हर माह राशन की दुकान से गेहूं मिल सकेगा….इन दिनों राशन डीलर्स द्वारा खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों के परिवार के सभी सदस्यों को एक साथ ई-केवाईसी करवाने के लिए बुलाया जा रहा है यानी जिन सदस्यों का राशन कार्ड में नाम है उन सभी को डीलर्स एक साथ बुला रहे हैं.

क्या है लोगों का कहना
लोगों का कहना है कि बिना ई-केवाईसी के उन्हें राशन भी नहीं दिया जा रहा हालांकि विभागीय अधिकारियों के अनुसार ई-केवाईसी के लिए सभी सदस्यों का एकसाथ जाना जरूरी नहीं है. यदि कोई सदस्य जिले से बाहर है तो वो प्रदेश की किसी भी राशन दुकान पर अपना आधार कार्ड ले जाकर पोस मशीन से ई-केवाईसी करवा सकता है. साथ ही बिना ई-केवाईसी के भी राशन दिया जाएगा. इसमें कोई रोक नहीं है लेकिन कई लोग ऐसे भी हैं जो प्रदेश से बाहर रहते हैं. इनमें दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम व बैंगलुरू जैसे शहरों में काम करने वाले व पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स शामिल हैं. कई लोग तो देश से बाहर काम कर रहे हैं. इनके सामने ई-केवाईसी करवाने के लिए प्रदेश में आना जरूरी हो गया है.

बहरहाल, राशन वितरण में फर्जीवाड़े को लेकर बार-बार शिकायतें मिलती रहती हैं. फर्जी तरीके से राशन लेने के बहुत मामले सामने आ चुके हैं. मृतकों, सरकारी कार्मिकों के नाम से राशन उठाया जा रहा है लेकिन ई-केवाईसी के बाद काफी हद तक फर्जीवाड़ा रोका जा सकेगा और वास्तव में पात्र व्यक्तियों को खाद्य सुरक्षा योजना में जगह मिल सकेगी और उन्हे उनके हक का निवाला मिल सकेगा.

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