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राजस्थान की तरफ डायवर्ट होगा पाकिस्तान जाने वाला पानी? सिंधु जल समझौता स्थगित होने के बाद बढ़ी उम्मीद

अबतक इंडिया न्यूज 26 अप्रैल । जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले (Pahalgam Terrorist Attack) के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ हुआ सिंधु जल समझौता (Indus Water Treaty) स्थगित कर दिया है. इस फैसले से उत्तर भारत के कई राज्यों सहित राजस्थान के भी सूखाग्रस्त इलाकों के लिए नई उम्मीद जगी है. कोलायत विधायक अंशुमान सिंह भाटी विधानसभा सत्र के दौरान पाकिस्तान की जाने वाले  पानी  को रोककर टेल के किसानों को देने की मांग कर चुके है ।

https://abtakindianews.streamingmediahub.com/2025/03/action-should-be-taken-to-fill-the-vacant-posts-of-field-staff-in-inganp-soon-mla-kolayat/“विधानसभा सत्र के दौरान कोलायत विधायक अंशुमान सिंह भाटी ने कहा कि 90 के दशक के बाद से पौंग बांध के अन्दर पूरा पानी नहीं भरा जा रहा है। इस कारण मानसून के समय बरसाती पानी पाकिस्तान जा रहा है वहीं बीकानेर, बाड़मेर व जैसलमेर के टेल पर बैठे किसानों का हक मारा जा रहा है साथ ही हमें बी.बी.एम.बी. के माध्यम से यह बात उठानी चाहिये।”

इंदिरा गांधी नहर से पानी लाने की मंशा

हरिके बैराज पंजाब में रावी और सतलुज का संगम है. यहीं से इंदिरा गांधी नहर (IGNP) निकलती है, जो बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर, श्रीगंगानगर तक जाती है. राजस्थान सरकार की मंशा है कि अब ओवरफ्लो होकर पाकिस्तान जा रहा पानी हरिके से डायवर्ट हो और इंदिरा गांधी नहर से सूखे इलाकों में पहुंचे.

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IGNP की क्षमता बढ़ाने का काम जारी

असल में हर साल बारिश में पंजाब से 6 हजार क्यूसेक पानी पाकिस्तान चला जाता है. अगर IGNP की क्षमता बढ़े और फीडर नहरें दुरुस्त हों तो ये पानी राजस्थान लाया जा सकता है. फिलहाल IGNP की क्षमता 11,500 क्यूसेक है, जिसे बढ़ाकर 18,500 क्यूसेक किया जा रहा है.

रेगिस्तानी जिलों को 1100 क्यूसेक पानी

केंद्र और राज्य सरकार ने IGNP के सुधार और विस्तार के लिए 79,000 करोड़ की स्वीकृति दी है. इससे सीकर, झुंझुनूं जैसे इलाकों को भी 1,100 क्यूसेक पानी मिलने की उम्मीद है. दूसरी ओर पंजाब सरकार हरिके बैराज के समानांतर 151 किमी लंबा नया कैनाल बना रही है, जिसकी क्षमता 6,000 क्यूसेक होगी. इससे हरियाणा और राजस्थान के हिस्से में पानी लाना आसान होगा. अगर ऐसा होता है तो जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर जैसे रेगिस्तानी जिलों में सिंचाई और पीने के पानी की समस्या हल होगी. शेखावाटी के लिए पानी की लाइन बिछाई जा सकेगी.

लीकेज और अतिक्रमण सबसे बड़ी समस्या

हर साल जो पानी पाकिस्तान चला जाता था, अब उसका उपयोग देश में होगा. हालांकि ये सब इतना आसान नहीं है. फीडर और मुख्य नहरों की हालत खराब है. लीकेज और अतिक्रमण बड़ी समस्या हैं. पानी का वितरण राजनैतिक और राज्यों के बीच समझौते पर टिका है. केंद्र को तकनीकी और कूटनीतिक स्तर पर तेज़ी से काम करना होगा.

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