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वसुंधरा राजे की नाराजगी से सुपरिटेंडेंट इंजीनियर पर गिरी गाज, अब कई और अधिकारियों पर एक्शन की तैयारी

अबतक इंडिया न्यूज 11 अप्रैल । हाल ही में वसुंधरा राजे अपने क्षेत्र झालावाड़ में पेयजल संकट की शिकायत पर अधिकारियों के कामकाज पर सवाल खड़ा करते हुए, जमकर फटकार लगाई थी. उन्होंने साफ शब्दों में कहा था कि अफ़सर सो रहें है, लोग रो रहें हैं. मैं ऐसा नहीं होने दूंगी. पानी कागजों में नहीं, लोगों के होंठों तक पहुंचना चाहिए. उन्होंने अधिकारियों से पाई-पाई का हिसाब देने को कहा था. वहीं खबर सुर्खियों में आने के बाद केंद्र की ओर से संज्ञान लिया गया और केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल ने राजस्थान सरकार से तत्काल रिपोर्ट मांगी. वहीं अब वसुंधरा राजे की नाराजगी के बाद सरकार ने एक्शन लेना शुरू कर दिया है. इसके तहत एक सुपरिटेंडेंट इंजीनियर पर गाज गिरी है.

बताया जा रहा है कि जलदाय विभाग ने झालावाड़ के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर को APO किया गया है. वहीं इस दौरान सुपरिटेंडेंट इंजीनियर को जलदाय विभाग के चीफ इंजीनियर और अतिरिक्त सचिव के ऑफिस में हाजिरी देने का निर्देश दिया गया है. वहीं अब कुछ अन्य अधिकारियों पर भी एक्शन लेने की तैयारी की जा रही है.

सुपरिटेंडेंट इंजीनियर से नाखुश जलदाय विभाग

बताया जा रहा है कि झालावाड़ जिले में जल जीवन मिशन का काम काफी अधूरा है, और लोगों तक पानी नहीं पहुंच रहा है. जबकि इस योजना की देखरेख भी सही तरीके से नहीं की जा रही है. यह भी कहा गया है कि समय से निविदाएं आमंत्रित नहीं करने से पेयजल संकट की शिकायतें आई है. इस वजह से सुपरिटेंडेंट इंजीनियर को APO करने का आदेश जारी किया गया है.

बता दें, वसुन्धरा राजे ने मंगलवार (8 अप्रैल) को पेयजल संकट की शिकायत पर जलजीवन मिशन और जलदाय विभाग के अफसरों को रायपुर क़स्बे के ग्रामीणों के बीच ही क्लास लगाई. वसुंधरा राजे ने सख्त लहजे में कहा कि प्रधानमंत्री जी ने 42 हज़ार करोड़ जल जीवन मिशन में दिये हैं. पाई-पाई का हिसाब दो कि झालावाड़ के हिस्से की राशि का आपने क्या किया ? पेयजल संकट निवारण के लिए हमारी सरकार तो पैसा दे रही है, लेकिन अफसर योजनाओं की सही क्रियान्वित नहीं कर रहे.

 

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