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मूंडसर में पशुपालकों और दुग्ध उत्पादकों को आईवाईसी-2025की थीम अंतर्गत दिया प्रशिक्षण-उरमूल

अबतक इंडिया न्यूज बीकानेर 7अप्रैल।  2025 के संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष (IYC-2025) की थीम सहकारिताएँ एक बेहतर दुनिया का निर्माण करती हैं ,जो हर जगह सहकारी समितियों के स्थायी वैश्विक प्रभाव को प्रदर्शित करता है। इस उद्देश्य से प्रशासक एवं प्रबंध संचालक आरसीडीएफ श्रुति भारद्वाज के द्वारा जारी आदेशों की अनुपालना में उरमूल डेयरी प्रबन्ध संचालक बाबूलाल बिश्नोई के निर्देशानुसार एन पी पी डी परियोजना के अन्तर्गत उरमूल डेयरी बीकानेर की ओर से मूंड बास और मूला खेड़ी दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति के संयुक्त तत्वावधान में गांव मूंडसर में पशुपालकों व दुग्ध उत्पादकों के लिए स्वच्छ दुग्ध उत्पादन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।इस अवसर पर सरपंच प्रतिनिधि चतरराम , डेयरी प्रभारी पी एण्ड आई मोहन सिंह चौधरी, लक्ष्मणराम, रेवंतराम,नत्थुराम,रामेशवरलाल पूर्व प्रधानाचार्य कासमिति के अध्यक्ष देवाराम मूंड सचिव प्रदीप दुग्ध उत्पादक सदस्यों ने साफा व माला पहना कर स्वागत किया।
अक्षय निधि प्रोजेक्ट के प्रशिक्षक अमित कुमार ने पशुपालकों को बताया कि स्वस्थ पशुओं को ही दूध दुहना चाहिए दुधारू पशु की सफ़ाई नियमित रूप से नहलाना, ब्रश करना, और साफ़ कपड़े से पोंछना चाहिए।
दुधारू पशु का आहार : संतुलित आहार देना चाहिए और उसकी गुणवत्ता का ध्यान रखना चाहिए।
दुध दुहने की विधि: थनों को साफ़ करके, सूखे हाथों से, और पूर्ण हस्त (मुट्टी विधि) से दूध दुहना चाहिए
दुध के बर्तन:स्टेनलेस स्टील या ग्लेवनाइज़्ड लोहे के बने और साफ़-सुथरे होने चाहिए।
दूध का संग्रहण: दूध को ढककर, मक्खियों से दूर रखना चाहिए।
दूध का परिवहन: दूध को कम समय में शीतकेन्द्र पहुंचाना चाहिए।
दूध का भंडारण: दूध को 10 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान पर रखना चाहिए।
प्रभारी पीएण्डआई मोहनसिंह चौधरी ने बताया कि स्वच्छ दूध वह दूध होता है जिसमें कोई बाहरी गंदगी न दिखे और जो बीमारियां फैलाने वाले जीवाणुओं से मुक्त हो। यह दूध स्वस्थ पशुओं से निकाला जाता है। स्वच्छ दूध में बैक्टीरिया की संख्या कम होती है और यह मानव उपभोग के लिए सुरक्षित होता है।
सरपंच प्रतिनिधि चतरराम जी ने सहकारिता की चल रही योजनाओं के बारे में जानकारी दी।
रामेशवरलाल जी पूर्व प्रधानाचार्य ने पशुओं को दिए जाने वाले मिनरल मिक्सचर, कैल्शियम के बारे में दुग्ध उत्पादकों को जानकारी दी।
कार्यक्रम में मूला खेड़ी महिला दुग्ध समिति अध्यक्ष कौशल्या सचिव शिवलाल ने कार्यकम आयोजन में सराहनीय सहयोग किया ।
इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में दुग्ध उत्पादकों ने भाग लिया, जिसमें महिलाओं की भागीदारी अधिक संख्या में रही।
स्वच्छ दुग्ध उत्पादन प्रशिक्षण कार्यक्रम में डेयरी आरपी रामलाल वर्मा और रामचन्द्र ने उरमूल डेयरी द्वारा चलाई जा रही योजनाओं, राज्य सरकार की मुख्यमंत्री दुग्ध सम्बल योजना के बारे में जानकारी दी ।

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