
अबतक इंडिया न्यूज 8 अप्रैल । अमेरिकी शेयर बाजार में आज, 7 अप्रैल 2025, को भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला. दिन की शुरुआत में, प्रमुख सूचकांक—डाउ जोन्स, एसएंडपी 500 और नैस्डैक—ने तीव्र गिरावट दर्ज की, जिसका मुख्य कारण राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित नए वैश्विक टैरिफ थे, जिन्होंने निवेशकों के बीच मंदी की आशंकाएं बढ़ा दीं. हालांकि, बाद में व्हाइट हाउस के आर्थिक सलाहकार केविन हैसेट के उस बयान के बाद बाजार में सुधार देखा गया जिसमें उन्होंने कहा है कि राष्ट्रपति ट्रंप 90 दिनों के लिए अधिकांश देशों पर टैरिफ रोकने पर विचार कर रहे हैं. इस घोषणा के बाद, डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज में 820 अंकों (2.14%) की गिरावट दिख रही है. वहीं, एसएंडपी 500 में 89.33 अंक और नैस्डैक कंपोजिट में 246.52 की बड़ी गिरावट आई है. जानें लेटेस्ट अपडेट…
ट्रंप ने गिनाई उपलब्धियां
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि तेल, ब्याज और खाने की कीमतों में गिरावट आई है और अब महंगाई नहीं है. उन्होंने दावा किया कि अमेरिका हर हफ्ते अरबों डॉलर टैक्स के जरिए उन देशों से कमा रहा है जो पहले उसे नुकसान पहुंचाते थे. ट्रंप ने चीन को सबसे बड़ा ‘दुरुपयोग करने वाला देश’ बताया, जिसने हाल ही में टैरिफ 34% बढ़ा दिए, बावजूद इसके कि उन्होंने पहले ही चेतावनी दी थी कि जवाबी कार्रवाई न करें. उन्होंने कहा कि दशकों से चीन जैसे देशों ने अमेरिका का फायदा उठाया है और इसके लिए पुराने अमेरिकी नेताओं की कमजोर नीतियां जिम्मेदार हैं.
हर हथकंडा अपनाएगा यूरोप
यूरोपीय संघ (EU) के देश अमेरिका के साथ टैरिफ को लेकर हो रही बातचीत में सभी संभावित विकल्पों को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने पर सहमत हो गए हैं. फ्रांस के व्यापार मंत्री लॉरेंट सेंट-मार्टिन ने यह जानकारी दी है, जैसा कि ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में बताया गया है. पेरिस ने यूरोपीय संघ से अपील की है कि वह अमेरिका के टैरिफ के जवाब में एक सख्त रणनीति तैयार करे ताकि बातचीत में प्रभावशाली दबाव बनाया जा सके. लक्जमबर्ग में सोमवार को हो रही व्यापार मंत्रियों की बैठक से पहले सेंट-मार्टिन ने कहा कि EU के पास जो टूलबॉक्स है, उसमें “बेहद आक्रामक” जवाब देने की पूरी क्षमता है और उसी का इस्तेमाल करना चाहिए.
डोनाल्ड ट्रंप की चीन को धमकी
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को अमेरिकी उत्पादों पर लगाए गए नए टैरिफ वापस लेने की धमकी दी है. उन्होंने कहा है कि अगर चीन ने अपना फैसला नहीं बदला तो अमेरिका भी उन पर 50 फीसदी टैक्स लगाएगा. गौरतलब है कि अमेरिका द्वारा रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा के बाद चीन ने भी अमेरिकी उत्पाद पर 34 फीसदी आयात शुल्क लगा दिया था.