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तहव्वुर राणा को ले ही आया भारत, 140 करोड़ देशवासियों का इंतजार खत्म, अब आतंक का अंजाम देखेगी दुनिया

अबतक इंडिया न्यूज 10 अप्रैल ।  मुंबई अटैक का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा भारत आ ही गया. बहुत जतन के बाद आखिरकार अमेरिका से घसीटकर तहव्वुर राणा को लाया गया है. अमेरिका से उसे स्पेशल विमान में लाया गया है. तहव्वुर राणा का विमान दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर उतरा. उसके साथ भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की एक टीम थी. कुछ देर में उस आतंकी का खूंखार चेहरा देश के सामने होगा. इस तरह देशवासियों का इंतजार खत्म हुआ. अब उसके गुनाहों का हिसाब होगा.

तहव्वुर राणा को अब एनआईए अपनी हिरासत में लेगी. इसके बाद उसे पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया जाएगा. जहां उसकी रिमांड मांगी जाएगी.  26/11 मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को तिहाड़ जेल में रखा जा सकता है. तहव्वुर राणा की 64 साल है.  तहव्वुर राणा दिल्ली की तिहाड़ जेल में एक हाई सुरक्षा वार्ड में रखा जाएगा. आतंकवादी को रखने के लिए जेल में सभी आवश्यक तैयारियां पहले ही कर ली गई हैं.

कौन है तहव्वुर राणा?
तहव्वुर राणा साल 2008 के मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड है. वह मुंबई अटैक के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक डेविड कोलमेन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी का करीबी सहयोगी है. तहव्वुर राणा को लेकर एक विशेष चार्टर्ड विमान बुधवार को अमेरिका से भारत के लिए रवाना हुआ था. वह विमान आज करीब दोपहर 2 बजे के बाद दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर उतरा. 2008 के मुंबई आतंकी हमले में 166 लोग मारे गए थे.

कैसे आया भारत
तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत लाने में लंबी कानूनी लड़ाई के बाद प्रत्यर्पित किया गया. सूत्रों ने बताया कि तहव्वुर राणा को एनआईए यानी राष्ट्रीय जांच एजेंसी की हिरासत में लिया जाएगा. एनआईए रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के साथ मिलकर उसके प्रत्यर्पण का समन्वय कर रही थी. संभावना है कि उसे आज ही दिल्ली की एक अदालत में पेश किया जाएगा.

तहव्वुर पर क्या-क्या आरोप?
तहव्वुर राणा पर कई धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं. इनमें आपराधिक साजिश, भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना, हत्या, जालसाजी और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम शामिल हैं. हालांकि, मुंबई पुलिस को अभी तक उसके शहर में स्थानांतरण के बारे में कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है. डेविड कोलमेन हेडली का सहयोगी होने के अलावा, ऐसा माना जाता है कि राणा के पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के साथ करीबी संबंध थे.

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