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वक्फ बिल पर कांग्रेस ने भी कसी कमर, मंडल-कमंडल की तर्ज पर टकराने की बनाई रणनीति

अबतक इंडिया न्यूज 1 अप्रैल । सरकार ने बुधवार को लोकसभा में वक्फ बिल को पास कराने के लिए पूरी तैयारी की है. संख्या बल की बात करें तो सरकार को कहीं कोई दिक्कत नहीं है, बस उसे अपने नीतीश, चंद्रबाबू नायडू, चिराग पासवान और जेडीएस जैसे सहयोगियों को साथ रखना है. वहीं नम्बर गेम में पिछड़े होने के बाद विपक्ष की नज़र सरकार के इन्हीं सहयोगियों पर है. विपक्ष इन्हीं सहयोगी दलों पर मुस्लिम मतों के लिहाज से दबाव बनाने की तैयारी में हैं.

कांग्रेस नेता और सांसद प्रमोद तिवारी ने वक्फ बिल पर चर्चा होने पर कहा है कि जो जेपीसी में हमारे इंडिया गठबंधन का स्टैंड था, वही रहेगा. सवाल हमारे गठबंधन का नहीं है बल्कि एनडीए गठबंधन का है. नीतीश कुमार और टीडीपी के मुखिया चंद्रबाबू नायडू किधर हैं उनका बताना चाहिए.

बीजेपी के एजेंडे को तोड़ने के लिए जातिगत जनगणना और आरक्षण

दरअसल, नंबर गेम अपने पक्ष में न देखकर राष्ट्रीय सियासत के लिहाज से कांग्रेस भी साथ-साथ अपनी रणनीति पर भी आगे बढ़ रही है. कांग्रेस को लगता है कि, वक्फ बिल के जरिए सरकार खासकर बीजेपी अपने हिन्दू-मुस्लिम के एजेंडे पर चल रही है. ऐसे में मंडल की काट कमंडल की राजनीति की तरह कांग्रेस बीजेपी के एजेंडे से टकराने के लिए जातिगत जनगणना, आरक्षण की सीमा 50 फीसदी तोड़ने के मुद्दे को रखेगी.

इसी लाइन पर चलते हुए पार्टी सरकार पर उच्च शिक्षण संस्थानों में आरक्षण के मुद्दे को उठा रही है, वो सरकार पर 2006 में अपने समय मे बनाये कानून को 11 सालों में इग्नोर करने का आरोप लगा रही है. इसी फेहरिस्त आज कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राज्यसभा में जातिगत जनगणना के मुद्दे को ज़ोर-शोर से उठाया.

खरगे ने राज्यसभा में उठाया जातिगत जनगणना और आरक्षण का मुद्दा

राज्यसभा में मंगलवार को विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने दावा किया कि सरकार जनगणना और जातिगत जनगणना कराने से बचना चाहती है. उन्होंने जनगणना और जातिगत जनगणना जल्दी कराने की मांग करते हुए कहा कि इस प्रक्रिया में विलंब होने से बहुत सारे लोग जनकल्याण योजनाओं का लाभ उठाने से वंचित हो रहे हैं. खरगे ने कहा कि भारत में हर 10 साल पर होने वाली जनगणना 1881 में शुरू की गई थी और तमाम आपात हालात, युद्ध और अन्य संकट के बावजूद जनगणना जारी रही.

एक के बाद एक बीजेपी कुछ ऐसे मुद्दे छू रही है जिसकी काट पाना विपक्ष के लिए बड़ा सरदर्द साबित हो रहा है. वक्फ ध्रुवीकरण वाला ऐसा ही बिल है. जाहिर है बीजेपी के तरकश में हिन्दू मुस्लिम ध्रुवीकरण के लिए अभी कई तीर है लिहाजा कांग्रेस को एक बात समझ आ गई है कि धर्म को टक्कर जाति तोड़े बिना नही दी जा सकती.

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