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राजस्थान में मुख्यमंत्री अवधिपार ब्याज राहत योजना लागू ,जाने क्या है प्रावधान ..?

अबतक इंडिया न्यूज 18 अप्रैल । राजस्थान में मुख्यमंत्री अवधिपार ब्याज राहत योजना लागू की गई है. इसके तहत लोगों को भूमि विकास बैंकों के अवधिपार ऋणी सदस्यों को राहत देने के लिए योजना लागू की गई है. इस बारे में सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम कुमार दक ने बताया कि भूमि विकास बैंकों के अवधिपार ऋणी सदस्यों को राहत देने के लिए राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री अवधिपार ब्याज राहत योजना 2025-26 (CM OTS) लागू कर दी गई है.

उन्होंने कहा कि योजना के माध्यम से ऋणी सदस्यों को पुन मुख्यधारा में लाने के लिए राज्य सरकार द्वारा 200 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है.

कौन होंगे योजना में पात्र

गौतम कुमार दक ने बताया कि योजना के तहत वर्ष 2014-15 से राज्य सरकार की ब्याज अनुदान योजना के अंतर्गत वितरित ऋणों को छोड़कर भूमि विकास बैंकों के स्तर पर 1 जुलाई, 2024 को अवधिपार हो चुके समस्त ऋण मामले राहत के लिए पात्र होंगे. अवधिपार मूलधन और बीमा प्रीमियम की सम्पूर्ण राशि ऋणी द्वारा जमा कराये जाने पर राज्य सरकार द्वारा अवधिपार ब्याज और दण्डनीय ब्याज में 100 प्रतिशत राहत दी जाएगी. उन्होंने कहा कि योजना से ऋणी किसानों और लघु उद्यमियों को बड़ी राहत मिलने के साथ ही भूमि विकास बैंकों के ऋणों की वसूली और उनकी आर्थिक स्थिति पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.

क्या है प्रावधान 

सहकारिता मंत्री ने बताया कि योजना में पूर्व में वसूली के लिए नीलामी के दौरान भूमि विकास बैंकों के नाम खरीद की गई भूमि किसानों को वापस लौटाये जाने का प्रावधान किया गया है. साथ ही, मृतक ऋणियों के मामलों में भी उनके वारिसान को योजना से लाभान्वित किये जाने का प्रावधान है. पारदर्शिता की दृष्टि से योजना का क्रियान्वयन पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा. इसके लिए पात्र ऋणी सदस्यों को अपना जनाधार नम्बर एवं मोबाइल नम्बर संबंधित भूमि विकास बैंक को उपलब्ध करवाना होगा. श्री दक ने बताया कि योजना का लाभ प्राप्त करने वाले ऋणी सदस्यों को कृषि एवं अकृषि गतिविधियों के लिए राज्य सरकार की 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान योजना में नवीन ऋण दिया जाकर लाभान्वित किया जा सकेगा, जिससे उनका आर्थिक उन्नयन होगा.

सहकारिता मंत्री ने भूमि विकास बैंक के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सभी पात्र व्यक्तियों को योजना से लाभान्वित किया जाना सुनिश्चित किया जाए. इसके लिए योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए सभी पात्र व्यक्तियों तक जानकारी पहुंचाई जाए. साथ ही, अधिकारी अपने स्तर पर पूरे मनोयोग से प्रयास करते हुए ऋणी सदस्यों को योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए प्रेरित करें.

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