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‘बड़ी मछली पकड़ में आ गई है’, किरोड़ी लाल मीणा बोले- ‘नाम उजागर नहीं करूंगा वरना…’

अबतक इंडिया न्यूज 25 अप्रैल । बड़ी मछली पकड़ में आ गई हैं. कई अधिकारी भी प्रवर्तन निदेशालय की रडार पर हैं. नाम उजागर नहीं करूंगा, वरना वे भाग जाएंगे. 20 हजार करोड़ का घोटाला है. यह बयान राजस्थान के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा (Kirodi Lal Meena) ने कांग्रेस नेता महेश जोशी (Mahesh Joshi) की गिरफ्तारी के एक दिन बाद शुक्रवार को दिया है, जिसने प्रदेश की सियासत में खलबली मचा दी है. इस दौरान कैबिनेट मीणा ने जोशी के सपोर्ट में आए पूर्व मुख्यमंत्री के बयान पर भी पलटवार किया. उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) केवल राजनीति कर रहे हैं.

बताते चलें कि महेश जोशी जब सता में थे, तब किरोड़ी लाल मीणा ने ही जल जीवन मिशन के टेंडर घोटाले का मुद्दा उठाया था और ईडी को जांच के लिए कई अहम सबूत भी सौंपे थे. इसी जांच के आगे बढ़ने पर गुरुवार को जयपुर से पूर्व मंत्री को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया. आज दूसरी बार उन्हें अस्पताल में मेडिकल कराने के लिए लाया गया. इसके बाद ईडी की टीम वापस उन्हें अपने साथ ले गई.

‘मैंने किसी से पैसा नहीं लिया’

राजस्थान में जल जीवन मिशन योजना का एक्जीक्यूशन PHE विभाग कर रहा था और महेश जोशी पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार में इस विभाग के मंत्री थे. ईडी के गिरफ्तार करने के बाद पूर्व मंत्री महेश जोशी ने मीडिया से कहा, ‘मैंने कोई गड़बड़ी नहीं की. मैंने किसी से पैसा नहीं लिया. देश के कानून पर मुझे विश्वास है. कानून न्याय करेगा.’

‘एक्सटॉर्शन डिपार्टमेंट बनी ED’

गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक्स पर लिखा, ‘भाजपा का एक्सटॉर्शन डिपार्टमेंट बन चुकी ED ने पूर्व मंत्री महेश जोशी को गिरफ्तार कर राजनीतिक प्रतिशोध का उदाहरण पेश किया है. यह गिरफ्तारी ऐसे समय पर की गई है जब उनकी पत्नी करीब 15 दिन से जयपुर के एक अस्पताल में बेहोशी की हालत में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रही हैं. उनकी इच्छा थी कि इस मुश्किल परिस्थिति से निकलने के बाद ED को बयान दें. यह उन्हें भावनात्मक रूप से तोड़ने का प्रयास है जिससे उनसे मनमुताबिक बयान लिए जा सकें.’

इस मामले में यह पांचवीं गिरफ्तारी

इस मामले में ईडी द्वारा की गई यह पांचवीं गिरफ्तारी है. कथित बिचौलिए संजय बड़ाया, श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी के मालिक महेश मित्तल, श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी के मालिक पदमचंद जैन और पीयूष जैन नामक व्यक्ति को पहले ही हिरासत में लिया जा चुका है. एजेंसी की जांच में पाया गया कि पदमचंद जैन, मित्तल और अन्य लोग लोक सेवकों को अवैध संरक्षण, टेंडर प्राप्त करने, बिल स्वीकृत करवाने और पीएचईडी से प्राप्त विभिन्न टेंडरों के संबंध में उनके द्वारा निष्पादित कार्यों में अनियमितताओं को छिपाने के लिए रिश्वत देने में शामिल थे.

ED की जांच में क्या सामने आया

ईडी ने दावा किया कि बड़ाया को श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी और श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी जैसी आरोपी फर्मों से रिश्वत मिली थी. ईडी ने पहले दावा किया था कि संदिग्ध हरियाणा से चोरी का सामान खरीदकर उसे टेंडर में इस्तेमाल करने में भी शामिल थे और उन्होंने पीएचईडी के ठेके पाने के लिए ‘फर्जी’ कंप्लीशन लेटर भी जमा किए थे. ईडी ने पहले जयपुर और दौसा में वरिष्ठ पीएचईडी अधिकारियों और जोशी के आवासीय और आधिकारिक परिसरों सहित कई ठिकानों पर छापेमारी की थी.

‘लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी’

यह बयान देने से पहले किरोड़ी लाल मीणा ने झालना-डूंगरी सभागार में ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा बैठक की थी. बैठक में विभागीय योजनाओं की प्रगति, बजटीय घोषणाओं की स्थिति और जमीनी क्रियान्वयन को लेकर चर्चा हुई. मंत्री मीणा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्रों में चल रही योजनाओं को समयबद्ध पूरा करें और जनता को इसका सीधा लाभ सुनिश्चित करें. सरकार की प्राथमिकता गांव, गरीब और किसान हैं, इसलिए योजनाओं में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

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