
जनेऊ विवाद : अबतक इंडिया न्यूज 4 मार्च । राजस्थान में रीट परीक्षा के दौरान अभ्यर्थियों की जनेऊ उतरवाने को लेकर सियासी विवाद गहराता जा रहा है. प्रदेश सरकार ने इस मामले में सख्त कार्रवाई करते हुए दो अभ्यर्थियों की जनेऊ उतरवाने वाली महिला सुपरवाइजर और पुलिस कॉन्स्टेबल को निलंबित कर दिया है. वहीं, भारतीय आदिवासी पार्टी के सांसद राजकुमार रोत ने सरकार के इस फैसले को पूरी तरह गलत बताया है और निलंबित कर्मचारियों को फिर से बहाल करने की मांग की है.
रोत ने सरकार की कार्रवाई पर खड़े किए सवाल
भारतीय आदिवासी पार्टी (BAP) के सांसद राजकुमार रोत ने कहा कि भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार के आदेशों का पालन करना ही कर्मचारियों के लिए गुनाह बन गया है. डूंगरपुर में परीक्षा के दौरान सरकारी नियमों की पालना करने वाले दो कर्मचारियों को सस्पेंड करना कहां का न्याय है? क्या अब जाति और धर्म देखकर न्याय किया जाएगा, यही अमृतकाल है? उन्होंने सरकार से दोनों निलंबित कर्मचारियों को तत्काल बहाल करने की मांग की है.
मुद्दे को राजनीतिक रंग न दे -पुरोहित
विप्र फाउंडेशन के राष्ट्रीय सचिव भंवर पुरोहित ने सरकार के इस कदम का समर्थन करते हुए कहा कि ब्राह्मण अभ्यर्थियों की जनेऊ उतरवाने की घटना को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने भारतीय आदिवासी पार्टी के नेताओं पर इस मुद्दे को राजनीतिक रंग देने और अन्याय को दबाने का आरोप लगाया.साथ पुरोहित ने चेताया की राजनीतिक स्वार्थ के लिए सनातन संस्कृति का अपमान ना करें ।
जानिए, क्या है पूरा मामला ?
डूंगरपुर जिले के एक परीक्षा केंद्र में दो ब्राह्मण अभ्यर्थियों को जनेऊ उतारकर ही परीक्षा में प्रवेश देने की घटना सामने आई थी, जिससे प्रदेशभर में विवाद खड़ा हो गया. इस मुद्दे पर कांग्रेस विधायक हरिमोहन शर्मा ने इसे भजनलाल सरकार की नाकामी बताया, वहीं वैश्विक ब्राह्मण संगठन विप्र फाउंडेशन सहित विभिन्न ब्राह्मण और सामाजिक संगठनों ने भी इस घटना का कड़ा विरोध किया.बढ़ते विरोध के बाद डूंगरपुर जिला प्रशासन ने मामले की जांच कर महिला सुपरवाइजर और पुलिस कांस्टेबल को निलंबित कर दिया.