चंडीगढ़ में किसानों का हल्ला बोल, ट्रैक्टर मार्च की तैयारी,भारी पुलिस बल तैनात

अबतक इंडिया न्यूज 5 मार्च । आज पंजाब के किसान टैक्ट्रर मार्च निकालने के लिए तैयारी कर रहे हैं. हालांकि, चंडीगढ़ के बॉर्डर पर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है और चंडीगढ़ पुलिस की तरफ से छोटे-बड़े 18 एंट्री पॉइंट सील किए गए हैं. वहीं, एंट्री प्वाइंट्स पर करीब 2000 पुलिस मुलाजिम लगाए गए हैं. सात एरिया की सभी डीएसपी और एसएचओ की तैनाती भी की गई है.
जानकारी के अनुसार, किसी को भी ट्रैक्टर-ट्राली लेकर चंडीगढ़ में इंटर नहीं होने दिया जाएगा. इसे लेकर सीनियर अधिकारियों ने अपनी पुलिस ऑफिसर्स को ब्रीफ कर दिया है. उधर, किसानों के हल्ला बोल की वजह से चंडीगढ़-दिल्ली नेशनल हाईवे पर जाम लग गया है. जीरकपुर की तरफ से चंडीगढ़ में एंट्री प्वाइंट पर पुलिस की बैरिकैडिंग में चलते अब लंबा जाम लगा है और यहां पर वाहनों की जांच की जा रही है.
कई किसानों को हिरासत में लिया
पंजाब पुलिस ने मंगलवार को तड़के राज्यभर में कई किसान नेताओं के घरों पर छापेमारी की और कई नेताओं को हिरासत में लिया. यह कार्रवाई 5 मार्च को चंडीगढ़ में होने वाले संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के प्रदर्शन से पहले की गई. सोमवार शाम को एसकेएम और पंजाब सरकार के बीच हुई बातचीत विफल होने के बाद यह कदम उठाया गया, जिसमें किसानों ने मुख्यमंत्री भगवंत मान पर नाराजगी में बैठक छोड़ने का आरोप लगाया. मान ने पुलिस की कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा कि प्रदर्शन से जनता को असुविधा नहीं होनी चाहिए. “मैं 3.5 करोड़ लोगों का संरक्षक हूं… ऐसी कार्रवाइयों से जनता को परेशानी होती है. मान ने कहा कि अगर रेलें अवरुद्ध होंगी तो अनाज के गोदाम कैसे खाली होंगे?” उन्होंने किसान संगठनों पर पंजाब को “धरनों का राज्य” बनाने और “समानांतर सरकार चलाकर अराजकता फैलाने” का आरोप लगाया.
शंभू बॉर्डर पर भी बैठे हैं किसान
किसान पिछले साल से पंजाब-हरियाणा सीमा पर संभू और खनौरी में एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी सहित अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. पुलिस ने विभिन्न संगठनों के नेताओं को निशाना बनाया, जिनमें बीकेयू (एकता-उगराहां) के प्रमुख जोगिंदर सिंह उगराहां, उपाध्यक्ष झंडा सिंह जेठुके, बीकेयू (राजेवाल) के अध्यक्ष बलबीर सिंह राजेवाल, बीकेयू (लखोवाल) के नेता हरिंदर लखोवाल और कीर्ति किसान यूनियन के राजिंदर सिंह दीप वाला शामिल हैं. कुछ स्थानों पर किसानों ने पुलिस का विरोध किया और स्थानीय पुलिस थानों का घेराव किया. बरनाला के फतेहगढ़ चन्ना गांव में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहन के सामने बैठकर बीकेयू (उगराहां) के नेता बलौर चन्ना की गिरफ्तारी को रोका. मोगा में, क्रांतिकारी किसान यूनियन के सदस्यों ने बाघापुराना पुलिस स्टेशन से जगतार मल्लाह की रिहाई सुनिश्चित की.
सीएम मान पर तानाशाही आरोप
एसकेएम ने एक बयान जारी कर हिरासत को मान सरकार का “तानाशाही कदम” बताया और अपने प्रदर्शन को जारी रखने का संकल्प लिया. समूह ने सभी हिरासत में लिए गए नेताओं की तत्काल रिहाई की मांग की और पंजाब भर के किसानों से सप्ताह भर चलने वाले प्रदर्शन में शामिल होने और “किसान विरोधी पुलिस कार्रवाई” को उजागर करने के लिए गांव-स्तरीय अभियान चलाने का आह्वान किया. मंगलवार सुबह की पुलिस कार्रवाई पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए, किसान नेताओं ने आप सरकार पर लोकतांत्रिक प्रदर्शन को दबाने का प्रयास करने का आरोप लगाया. राज्य की विपक्षी पार्टियों, जिनमें भाजपा, कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) शामिल हैं, ने आप सरकार के कदम की निंदा की. पंजाब भाजपा के पदाधिकारी सुभाष शर्मा ने इस कार्रवाई को “अत्यधिक निंदनीय” बताया और मुख्यमंत्री मान पर किसानों का अपमान करने का आरोप लगाया. कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने मान पर पंजाब को “तानाशाही राज्य” में बदलने का आरोप लगाया.