
अबतक इंडिया न्यूज 21 मार्च जयपुर । राजस्थान विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान सामने आया कि पूर्व कांग्रेस सरकार के समय गठित सामाजिक बोर्डों को लेकर प्रदेश की भजन लाल सरकार गंभीर नहीं लगा रही है. विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक सीएल प्रेमी ने प्रदेश में गठित बोर्ड के संचालन के लिए बजट आवंटन का सवाल किया, जिसके जवाब में सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने साफ किया कि हमारी सरकार पूर्ववर्ती सरकार के अंतिम 6 महीने के समय लिए गए निर्णयों की समीक्षा कर रही है.
पूर्ववर्ती सरकार ने इन्हीं अंतिम 6 महीने में राजस्थान राज्य बालीनाथ बोर्ड, राजस्थान राज्य मेघवाल कल्याण बोर्ड, राजस्थान राज्य जाटव कल्याण बोर्ड, राजस्थान राज्य वाल्मीकि कल्याण बोर्ड, राजस्थान राज्य केवट कल्याण बोर्ड सहित 36 बोर्ड और आयोग का गठन किया था. वर्तमान में सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग नियंत्रण अधीन राज्य अनुसूचित जाति की विकास आयोग और देवनारायण बोर्ड अध्यक्ष बोर्ड पर नियुक्ति प्रदान की गई है. शेष बोर्डो और आयोग के अध्यक्ष , उपाध्यक्ष और सदस्यों के नियुक्ति राज्य सरकार का नीतिगत निर्णय है.
गहलोत ने बताया कि राज्य अनुसूचित जाति की विकास आयोग और देवनारायण बोर्ड अध्यक्ष बोर्ड में विभाग की ओर से आवश्यकतानुसार बजट उपलब्ध कराया गया है. विधायक सीएल प्रेमी ने कहा 36 बोर्ड गठित कर रखे हैं, जिसमे से सिर्फ तीन बोर्ड चालू है, बाकी बोर्डों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति कब की जाएगी ?
इस पर मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा कि वर्तमान में 43 बोर्ड और आयोग गठित है. जिसमे 7 पहले से चल रहे थे और 36 बोर्ड और आयोग का गठन पूर्ववर्ती सरकार ने किया, लेकिन इन 36 मे 26 बोर्ड और आयोग ऐसे हैं जिन्हें कांग्रेस सरकार ने आचार संहिता के 6 महीने पहले घोषित किये. इनमें किसी भी बोर्ड में तत्कालीन सरकार ने कोई नियुक्ति या बजट आवंटन नहीं किया. हमारी सरकार में इन बोर्ड और आयोग में नियुक्ति का निर्णय मुख्यमंत्री का अधिकार है, वो इस पर आने वाले समय में विचार करेंगे. इसके बाद विधायक सीएल प्रेमी ने कहा कि सरकार ये बताएं कि क्या इन बोर्ड और आयोग को सरकार चालू रखने की मंशा रखती है ? इस पर मंत्री गहलोत ने कहा कि वर्तमान में हमारी सरकार इन पर नीतिगत निर्णय करेगी. अभी बजट आवंटन को लेकर कोई भी प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है.