
अबतक इंडिया न्यूज 9 फरवरी । मणिपुर में पिछले दो सालों से मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा और पार्टी विधायकों के असंतोष के बीच रविवार को मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने इंफाल के राजभवन में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को अपना त्यागपत्र सौंपा. राज्य में भाजपा सरकार का नेतृत्व करने वाले बीरेन सिंह ने मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम के बीच सीएम पद छोड़ दिया. उनका इस्तीफा महीनों की अशांति और पार्टी के अंदरुनी विचार-विमर्श के बाद आया है.
एन बीरेन सिंह की रविवार को करीब डेढ़ घंटे से लंबी बैठक गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ हुई. दिल्ली में ये बैठक गृहमंत्री अमित शाह के घर पर हुई. गृहमंत्री के घर से निकलकर बीरेन सिंह सीधे वापस इंफाल गए.
इंफाल जाते ही बीरेन सिंह ने गवर्नर अजय भल्ला से मिलने का समय मांगा. अजय भल्ला ने शाम 6.15 का टाइम दिया. उसके बाद गवर्नर अजय भल्ला से मिलकर बीरेन सिंह ने इस्तीफा दिया.
कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव लाने की कही थी बात
बता दें कि मणिपुर कांग्रेस अध्यक्ष के. मेघचंद्र ने शुक्रवार को कहा था कि विधानसभा में एन. बीरेन सिंह सरकार के खिलाफ उनकी पार्टी अविश्वास प्रस्ताव लाएगी. 60 सदस्यीय मणिपुर विधानसभा में कांग्रेस के पांच विधायक हैं. एक अन्य विपक्षी पार्टी एनपीपी के सात विधायक हैं. मणिपुर में बीजेपी के 32 विधायक और नगा पीपुल्स फ्रंट के पांच और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के छह विधायक हैं. साठ सदस्यीय मणिपुर विधानसभा में तीन निर्दलीय विधायक और कुकी पीपुल्स अलायंस के दो विधायक भी हैं.
सीएम और विधानसभा अध्यक्ष के बीच मतभेद
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, लगभग 12 विधायक नेतृत्व परिवर्तन पर जोर दे रहे हैं. विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के बीच मतभेद की बात सामने आई. संभावना थी कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की मांग करने वाले विधायक फ्लोर टेस्ट के मामले में पार्टी व्हिप की अवहेलना कर दें. उसी संभावना को टालने के लिए एन बीरेन सिंह ने बीजेपी शीर्ष नेतृत्व से बातचीत के बाद सीएम पद से इस्तीफा दिया है.