
अबतक इंडिया न्यूज 26 फरवरी ,महाशिवरात्रि । त्रिदेवों में भगवान शिव संहार के देवता माने गए हैं. कई जगह भोलेनाथ को आदियोगी के रूप में भी पूजा जाता है. धार्मिक मान्यता है कि महाशिवरात्रि की रात माता पार्वती और भोलेनाथ विवाह के बंधन में बंधे थे. साथ ही इसी दिन एक दिव्य ज्योति के रूप में शिवलिंग में शंकर जी का प्राकट्य हुआ था.
शिव पुराण के अनुसार जो लोग महाशिवरात्रि का व्रत कर शिव और शक्ति की उपासना करते हैं उनके वैवाहिक जीवन में सुख का आगमन होता है साथ ही कुंवारे लोगों को विवाह के लिए सुयोग्य जीवनसाथी की प्राप्ति होती है.
महाशिवरात्रि का महत्व
शिवपुराण के अनुसार प्राचीन समय में फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी की रात भगवान शिव लिंग के रूप में प्रकट हुए थे. जब शिवलिंग प्रकट हुआ था, तब भगवान ने आकाशवाणी की थी कि इस तिथि रात जागकर जो भक्त शिवलिंग का पूजन करेंगे, उन्हें शिव की विशेष कृपा मिलेगी. मान्यता है कि शिवरात्रि की रात भगवान शिव और माता पार्वती पृथ्वी का भ्रमण करते हैं.
महाशिवरात्रि पर ग्रहों का दुर्लभ संयोग
आज महाशिवरात्रि पर ग्रहों का दुर्लभ योग बना है. आज के दिन शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में रहेंगे, जिससे मालव्य राजयोग बनेगा. मीन राशि में शुक्र की राहु के साथ भी युति हो रही है. वहीं कुंभ राशि में सूर्य-शनि की भी युति होगी और कुंभ राशि में बुध भी विराजमान हैं. इन तीनों ग्रहों की युति से त्रिग्रही योग के साथ-साथ सूर्य-बुध से बुधादित्य योग भी बनेगा.
महाशिवरात्रि पर चतुर्दशी तिथि कब लगेगी
- चतुर्दशी तिथि प्रारंभ- 26 फरवरी 2025 सुबह 11: 08 पर होगी.
- चतुर्दशी तिथि समाप्त- 27 फरवरी 2025 सुबह 8:54 पर.
चार पहर पूजा का समय
- रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय – शाम 6:19 से 9:26 मिनट तक रहेगा.
- रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय – रात 9:26 से 12:34 मिनट तक रहेगा.
- रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय – रात 12:34 से लेकर 03:41 मिनट कर रहेगा.
- वहीं रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय – 03:41 से 6:48 मिनट तक रहेगा.
महाशिवरात्रि चार प्रहर पूजा का महत्व
शिवपुराण के अनुसार, महाशिवरात्रि पर चार प्रहर किए जाने वाले पूजन में पहले प्रहर की पूजा स्वास्थ्य और दीर्घायु के लिए, दूसरे प्रहर की पूजा धन-समृद्धि के लिए, तीसरे प्रहर की पूजा संतान सुख की कमाना और मनोकामना पूर्ति के लिए, वहीं चौथे प्रहर की पूजा मोक्ष और भगवान शिव की कृपा प्राप्ति के लिए होती है.
महाशिवरात्रि पर सुबह से लेकर रात तक भद्रा
महाशिवरात्रि के दिन आज सुबह 11 बजकर 08 मिनट से रात 10 बजकर 5 मिनट तक भद्रा का साया रहेगा. लेकिन शिवपूजन में भद्रा का असर नहीं पड़ेगा, क्येंकि महादेव स्वयं कालों के काल महाकाल हैं. ऐसे में भक्त महाशिवरात्रि पर पूरे दिन पूजा-अर्चना कर सकते हैं.
महाशिवरात्रि पर पूजा का मुहूर्त
महाशिवरात्रि की पूजा सुबह से लेकर देर रात तक होती है. खासकर निशिता काल में पूजा करना शुभ होता है. पंचांग के अनुसार निशिता काल 26 फरवरी को देर रात 12:09 मिनट से लेकर 12:59 मिनट कर रहेगा. निशिता काल की कुल अवधि 50 मिनट रहेगी.
महाशिवरात्रि पूजा मंत्र
“ॐ ऐं ह्रीं शिव गौरीमय ह्रीं ऐं ऊं”
‘ऊं नम: शिवाय’
सांब सदा शिव
ॐ अघोराय नमः
ॐ श्रीकंठाय नम:
ॐ तत्पुरुषाय नम:
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् | उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ||
महाशिवरात्रि पर शिव पूजा की सही दिशा
महाशिवरात्रि पर शिवलिंग का जलाभिषेक करते वक्त मुख उत्तर दिशा की ओर रखें. ध्यार रहे पूर्व दिशा की ओर मुख करके जल न चढ़ाएं क्योंकि ये दिशा भगवान शिव का प्रवेश द्वार मानी जाती है.
शिवलिंग पर बेलपत्र कैसे चढ़ाएं
शिवलिंग पर तीन पत्तियों वाला बेलपत्र शिवलिंग पर अर्पित करना बेहद शुभ होता है. बेलपत्र शिव को अति प्रिय है. महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पर शाम के समय बेलपत्र ऐसे चढ़ाएं जिससे उसका चिकना भाग शिवलिंग से स्पर्श होने चाहिए. अपनी मनोकामना बोलें और फिर बेलपत्र को उठाकर अपने पास तिजोरी में रखें. धार्मिक मान्यता है कि इससे धन का आगमन बढ़ता है.
घर में कैसे होना चाहिए शिवलिंग
मंदिरों में शिवलिंग का आकार बढ़ा होता है लेकिन घर के लिए शिवलिंग का आकार छोटा होना चाहिए, खास तौर पर, यह अंगूठे के आकार से बड़ा नहीं होना चाहिए. महाशिवरात्रि पर घर में इतने ही छोटे शिवलिंग की पूजा करें.
महाशिवरात्रि पर राशि अनुसार अभिषेक
मेष राशि – जल में केसर डालकर चढ़ाएं
वृषभ राशि – शिवलिंग पर दूध और सफेद फूल चढ़ाएं
मिथुन राशि – शिव जी पर बेलपत्र अर्पित करें.
कर्क राशि – दही से शिवलिंग का अभिषेक.
सिंह राशि – शिवलिंग पर शहद अर्पित करें.
कन्या राशि – गन्ने का रस चढ़ाएं.
तुला राशि – घी की धारा बनाकर शिव जी पर चढ़ाएं.
वृश्चिक राशि – कनेर और लाल चंदन चढ़ाएं
धनु राशि – केले का भोग लगाएं, धतूरा अर्पित करें.
मकर राशि – शिवलिंग पर शमी पत्र चढ़ाएं
कुंभ राशि – तेल से अभिषेक करें.
मीन राशि – भांग और भस्म शिव जी को चढ़ाएं
महाशिवरात्रि पूजन सामग्री लिस्ट
मिट्टी के दीपक 5, अक्षत, केसर, जौ, पीली सरसों, सुपारी, बेलपत्र, इत्र, गुलाब के फूल, जनेऊ, पान का पत्ता, लौंग, इलायची, तिल, भस्म, भांग, कुमकुम, सिंदूर, मौली, शिवलिंग के लिए मिट्टी, धातु के शिवलिंग भी ले सकते हैं, धतूरा, पंचामृत (दूघ, दही, घी, शहद, शक्कर) आम के पल्लव, हवन सामग्री, गंगाजल
महाशिवरात्रि पूजा का मुहूर्त
पूजा मुहूर्त
देर रात 12:09 – प्रात: 12:59, फरवरी 27 फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि शुरू 26 फरवरी 2025, सुबह 11.08 फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि समाप्त 27 फरवरी 2025, सुबह 8.54