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रेलवे की वो लापरवाही, जो लील गई 18 लोगों की जानें? पढ़ें नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ की INSIDE STORY

अबतक इंडिया न्यूज 15 फरवरी । नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात हुई भगदड़ में कुंभ स्नान के लिए जा रहे 18 यात्रियों की मौत हो गई. मरने वालों में 3 बच्चे भी शामिल थे. इसके अलावा 10 लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं, जिन्हें इलाज के लिए एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. घटना पर पीएम मोदी से लेकर गृह मंत्री, रक्षामंत्री से लेकर तमाम लोग गमगीन है. आखिर बेहद सुरक्षित समझे जाने वाले स्टेशन पर हजारों लोग कैसे जुट गए. बढ़ती भीड़ को कंट्रोल करने के लिए वक्त रहते इंतजाम क्यों नहीं किए गए. कौन है इस घटना का जिम्मेदारी, जिसने 15 परिवारों को बेसहारा कर दिया.

कुंभ स्नान की कामना लिए स्टेशन पहुंचे लोग

रेलवे ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से कुंभ के लिए 2 स्पेशल ट्रेन चलाने की घोषणा की थी. शनिवार का दिन था. वीकेंड होने की वजह से सैकड़ों लोग कुंभ स्नान की लालसा लिए स्टेशन पर पहुंच गए. पहले से टिकट बुक न होने की वजह से अधिकतर लोगों ने जनरल डिब्बे का टिकट लिया और प्लेटफार्म नंबर 14-15 पर इकट्ठा होने लगे. जहां से प्रयागराज जाने वाली ट्रेन जानी थी.

400 सीटों के लिए हर घंटे बेचे 1500 टिकट

किसी भी ट्रेन में जनरल बोगी के आमतौर पर 4 कोच होते हैं. इनमें से 2 कोच ट्रेन के अगले हिस्से और 2 पिछले हिस्से में लगते हैं. प्रत्येक कोच में करीब 90 से 100 सीटें होती हैं. इन सीटों पर यात्रियों को सोने की सुविधा नहीं होती और वे केवल बैठकर सफर कर सकते हैं. इस प्रकार एक ट्रेन में जनरल बोगी की महज सीटें ही उपलब्ध थी. लेकिन रिकॉर्ड के मुताबिक, रेलवे कर्मचारियों ने बिना स्थिति का अंदाजा लगाए  शनिवार को प्रत्येक घंटे जनरल बोगी के 1500 से ज्यादा टिकट बेचे. इसके चलते सैकड़ों लोग प्लेटफार्म पर इकट्ठा होते चले गए.

धक्कामुक्की के चलते सीढ़ियों पर गिर गए लोग

सूत्रों के मुताबिक, स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस और भुबनेश्वर एक्सप्रेस ट्रेन लेट चल रही थी. जिसके चलते उनमें जाने वाले यात्री भी प्लेटफार्म नंबर 12-13 पर इंतजार में खड़े थे. इसके चलते प्लेटफार्म से लेकर सीढ़ियों पर यात्रियों का सैलाब उमड़ा हुआ था. रात करीब साढ़े नौ बजे के आसपास प्रयागराज एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म नंबर 15 पर पहुंची. उसमें घुसने के लिए लोगों में अफरा-तफरी शुरू हुई. इस धक्का-मुक्की के चलते सीढ़ियों पर खड़े हुए काफी लोग नीचे गिर गए.

सांस घुटने से कई लोगों की हो गई मौत

पीड़ित यात्रियों के मुताबिक, जो यात्री एक बार गिर गया, वह दोबारा उठ नहीं पाया. मौके पर मौजूद एक यात्री ने बताया, ‘मैं उस वक्त सीढ़ियों के पास ही मौजूद था. जब ये अचानक भगदड़ मची. ट्रेन पकड़ने की होड़ में लोग एक दूसरे के ऊपर चढ़ गए. हादसे की आशंका देख मैं तुरंत सीढ़ियों से दूर हट गया. लोग एक-दूसरे के ऊपर चढ़कर ट्रेन पकड़ने के लिए भाग रहे थे. इस धक्कामुक्की में कई लोग नीचे दब गए, जिनकी सांस घुटने की वजह से मौत हो गई.’

जगह-जगह बिखरे हुए थे जूते-चप्पल

भगदड़ की सूचना मिलने के बाद पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची. साथ ही घायलों को अस्पताल भेजने का क्रम शुरू हुआ. सोशल मीडिया पर वायरल कई वीडियोज में साफ दिख रहा था सीढ़ियों पर जूते-चप्पल और कपड़े बिखरे हुए थे. वहीं कई वीडियोज में लोग बेहोशी की हालत में पड़े दिखाई दिए. इतनी बड़ी घटना के बावजूद रेलवे ने शुरुआत में तो भगदड़ की किसी घटना से साफ इनकार किया लेकिन बाद में जब वीडियोज सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे तो उसे घटना स्वीकार करनी पड़ी.

फंसे लोगों के लिए चलाई गई 4 स्पेशल ट्रेन

रेल मंत्री के निर्देश पर स्टेशन पहुंचे काफी लोगों को दिल्ली पुलिस ने समझा-बुझाकर वापस उनके घर भेजा. काफी यात्री उनकी बात मानकर वापस अपने घर चले गए. जो लोग बच गए, उनके लिए तुरंत 4 विशेष ट्रेनों का इंतजाम किया गया, जिससे स्टेशन पर भीड़ कम हो गई. स्टेशन पर फिलहाल पुलिस और आरपीएफ तैनात है. अभी महाकुंभ 26 फरवरी तक चलना है. ऐसे में यह स्थिति आगे न बने, इसके लिए रेलवे और पुलिस को सतर्कता बरतनी ही होगी.

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