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पेपर लीक मामले में अब ED की एंट्री; आज हाई कोर्ट में फिर सुनवाई

अबतक इंडिया न्यूज 11 फरवरी । सोमवार को SI भर्ती  पेपर लीक मामले को लेकर हाई कोर्ट में हुई सुनवाई में सरकार ने अदालत से कहा है कि वो पेपर लीक मामले में पकड़े गए ट्रेनी SI को बर्खास्त करना चाहती है. इस पर अदालत ने सरकार से इनकी सूची अदालत में पेश करने का आदेश दिया है. याचिका कर्ता के वकील ने अदालत में कहा कि आरपीएससी के निलंबित सदस्य बाबूलाल कटारा ने परीक्षा से 35 दिन पहले ही पेपर पूर्व सदस्य रामूराम राइका को सौंप दिया था.

यह आरोप परीक्षा की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़ा करता है. कटारा द्वारा 600 सवाल और उनके उत्तर हाथ से लिखकर देने की बात सामने आई है, जिससे संगठित भ्रष्टाचार की आशंका और भी मजबूत होती है. आज भी इस मामले में सुनवाई जारी रहेगी. गौरतलब है कि अब तक इस मामले में 90 ट्रेनी SI को गिरफ्तार किया जा चुका है.

मामले में अब ED की एंट्री 

अब इस पूरे घोटाले में पैसे  का  लेनदेन हुआ  है, ऐसे में अब पूरे मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की एंट्री हो चुकी है, जिससे मामले की गंभीरता और बढ़ गई है. ईडी की जांच से यह स्पष्ट होता है कि अब सिर्फ पेपर लीक ही नहीं, बल्कि इससे जुड़े आर्थिक लेन-देन और भ्रष्टाचार की गहराई से पड़ताल होगी.

दूसरी ओर, सरकार का तर्क है कि पेपर महज 5 मिनट पहले लीक हुआ था, इसलिए पूरी भर्ती प्रक्रिया को रद्द करना जल्दबाजी होगी. सरकार अभी इस मामले में कोई अंतिम फैसला लेने से बच रही है.

चयनित ट्रेनी SI भी बने याचिकाकर्ता 

अब इस मामले में अदालत ने 50 चयनित ट्रेनी SI को भी मामले में पक्षकार बनने की इजाज़त दे दी है. इनके वकील तनवीर अहमद ने बताया कि उनकी याचिका में यह स्पष्ट किया गया है कि वे पेपर लीक में शामिल नहीं थे और परीक्षा पूरी ईमानदारी से दी थी.

तनवीर अहमद ने बताया कि कई उम्मीदवारों ने एसआई भर्ती के लिए अन्य सरकारी नौकरियां छोड़ दी थीं. ऐसे में कुछ लोगों की गड़बड़ी की वजह से पूरी भर्ती को रद्द करना न्यायसंगत नहीं होगा. मामले की जांच जारी है और पेपर लीक में शामिल दोषियों को गिरफ्तार किया जा रहा है, इसलिए पूरी प्रक्रिया को रद्द करने के बजाय, केवल दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए.

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