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राजस्थान विधानसभा में नई व्यवस्था लागू, न वॉर्निंग.. न प्रस्ताव.. बस गलती और विधायक का हो जाएगा निलंबन

अबतक इंडिया न्यूज 25 फरवरी । राजस्थान विधानसभा में भारी हंगामा हो रहा है और सदन का संचालन नहीं हो रहा है. हंगामे की वजह से सदन नहीं चलने पर पक्ष और विपक्ष दोनों की आलोचना हो रही है. इस बीच सदन सुचारू रूप से चल सके इसके लिए राजस्थान विधानसभा के स्पीकर वासुदेव देवनानी नई व्यवस्था लागू की है. इसके तहत अब लोकसभा की तर्ज पर यदि कोई भी सदस्य आसन की ओर बढ़ने की कोशिश करेगा, या सदन की अवहेलना करेगा तो उसका निलंबन स्वतः ही हो जाएगा. इसके लिए कोई प्रस्ताव लाने की जरूरत नहीं होगी.

विधानसभा में वर्तमान में हो रहे हंगामे की वजह से स्पीकर ने इस सख्त व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है. सत्ता पक्ष ने इस फैसले का स्वागत किया है.

हाल ही में 6 विधायकों को किया गया था निलंबित

राजस्थान विधानसभा में बीते बजट सत्र में भारी हंगामा देखने को मिल रहा है. चार दिन पहले कांग्रेस के विधायकों ने इंदिरा गांधी के ख़िलाफ़ की गई टिप्पणी के विरोध में विपक्षी विधायक वेल में आकर नारेबाजी कर रहे थे और स्पीकर के आसन की ओर बढ़ने का प्रयास किया था. विधानसभा में बढ़ते गतिरोध के चलते छह विधायकों को पहले ही निलंबित कर दिया गया था. इसके लिए प्रस्ताव लाया गया. हालांकि इस पर विपक्ष का कहना था कि उन्हें कोई वॉर्निंग दिये बिना ही निलंबन प्रस्ताव लाया गया. विधायकों का निलंबन अब वापस ले लिया गया है लेकिन इस घटना को देखते हुए स्पीकर ने सख्त रुख अपनाया और नई व्यवस्था लागू कर दी.

यानी अब किसी तरह की वॉर्निंग दिये बिना विधानसभा सदस्यों को निलंबन किया जा सकेगा, और इसके लिए कोई प्रस्ताव भी लाना नहीं होगा.

विपक्ष ने बताया तानाशाही फैसला

सत्तारूढ़ भाजपा ने विधानसभा अध्यक्ष के इस फैसले का समर्थन किया है. सत्ता पक्ष का कहना है कि हंगामे और अनुशासनहीनता को रोकने के लिए यह कदम जरूरी था. भाजपा नेताओं का कहना है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत सदन में बहस होनी चाहिए, न कि हंगामा और नारेबाजी. वहीं, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने स्पीकर के इस फैसले को तानाशाही करार दिया है. कांग्रेस का कहना है कि इस तरह की व्यवस्था लागू कर सरकार बहस से बचना चाहती है. विपक्षी दलों का आरोप है कि विधानसभा में चर्चा और संवाद की परंपरा को खत्म किया जा रहा है, ताकि विपक्ष अपनी बात न रख सके.

 

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