दिल्ली स्टेशन भगदड़ मामला : प्रशासन ने जारी की मृतकों के नाम की लिस्ट, यहां देखे पूरी लिस्ट

अबतक इंडिया न्यूज 16 फरवरी । नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़ में 18 लोगों की मौत हो गई है, जिसमें 14 महिलाएं और 4 पुरुष शामिल हैं. शनिवार दोपहर 4 बजे से ही नई दिल्ली स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ जुटना शुरू हो गई थी. भीड़ के बढ़ते दबाव के कारण धक्का-मुक्की से पैदा हुई स्थिति देखते ही देखते भगदड़ में तब्दील हो गई. हादसे को लेकर यात्रियों का आरोप है कि रेलवे की ओर से भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई भी व्यवस्था नहीं की गई थी. हादसे को लेकर अब प्रशासन ने मृतकों की एक लिस्ट जारी की है.
प्रशासन ने जारी की मृतकों के नाम की लिस्ट
भगदड़ में दिल्ली और बिहार के रहने वाले लोगों की मौत हुई है. प्रशासन ने मृतकों की लिस्ट जारी कर दी है. प्रयागराज में संगम स्नान के लिए जाने के लिए यात्री बड़ी संख्या में स्टेशन पर एकजुट हुए थे. इसी दौरान यह हादसा हो गया. हादसे के बाद अब प्रशासन ने मृतकों की लिस्ट जारी की है. लिस्ट में सबसे ज्यादा मरने वालों की संख्या दिल्ली और बिहार के लोगों की है.
इन यात्रियों की चली गई जान
- आहा देवी (79 वर्ष) बक्सर, बिहार
- शांति देवी (40 वर्ष) नवादा, बिहार
- नीरज (12 वर्ष) वैशाली, बिहार
- ललिता देवी (35 वर्ष) पटना बिहार
- पूजा कुमारी (8 वर्ष) नवादा, बिहार
- शीला देवी (50 वर्ष) सरिता विहार, दिल्ली
- पिंकी देवी (41 वर्ष)संगम विहार, दिल्ली
- संगीता मलिक (34 वर्ष) भिवानी, हरियाणा
- व्योम ( 25 वर्ष) बवाना, दिल्ली
- सुरुचि (11 वर्ष) मुजफ्फरपुर, बिहार
- पूनम (34 वर्ष) महावीर एन्क्लेव, दिल्ली
- पूनम देवी (40 वर्ष) सारण, बिहार
- ममता झा (40 वर्ष) नांगलोई, दिल्ली
- रिया सिंह (7 वर्ष) सागरपुर, दिल्ली
- कृष्णा देवी (40 वर्ष) समस्तीपुर, बिहार
- बेबी कुमारी (24 वर्ष) बिजवासन, दिल्ली
- मनोज (47 वर्ष) नांगलोई, दिल्ली
- विजय साह (15 वर्ष) समस्तीपुर, बिहार
लापरवाही की वजह से हुई मौत
घटना के बाद से ही मृतकों के परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है. उनका कहना है कि यह मौतें रेलवे की लापरवाही की वजह से हुई है. प्रशासन की ओर से भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी. जिस कारण भगदड़ मच गई. बड़ी संख्या में यात्री दब गए थे. स्टेशन पर चारों तरफ चीख-पुकार मच गई थी. लोगों की मदद के लिए गुहार लगा रहे थे, लेकिन कोई भी उनकी मदद करने के लिए तैयार नहीं था. कुलियों ने आकर सबसे पहले घायल यात्रियों की मदद की थी.