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पीएम मोदी के साथ वसुंधरा राजे की दिल्ली में हुई मुलाकात, राजस्थान की राजनीति में हलचल

अबतक इंडिया न्यूज 21 दिसम्बर ।   करीब एक माह  पहले बिना नाम लिए बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व पर तीखा हमला बोलने वाली राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने शुक्रवार को दिल्ली में पीएम नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की. राजे ने इसे शिष्टाचार भेंट बताते हुए इस मुलाकात के फोटो अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर शेयर की है. लेकिन राजे की पीएम मोदी से इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं. राजे बीते कई दिनों से विभिन्न आयोजनों में बिना किसी का नाम लिए ही सियासी तीर चलाती रही हैं. राजे की इस मुलाकात के बाद सियासी गलियारों में कई तरह की चर्चाएं हैं.

मोदी-राजे की मुलाकात
सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वसुंधरा राजे ने पार्टियामेंट में मुलाकात की। दोनों की बीच करीब 20-25 मिनट तक बातचीत हुई। पीएम मोदी ने राजे से राजस्थान के बारे में फीडबैक लिया। राजे ने भजनलाल सरकार के कामों को लेकर अपनी बात रखी। इसके अलावा राजे ने संगठन को लेकर भी अपनी राय पीएम मोदी के सामने रखी।
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि उन्होंने बारां-झालावाड़ में विकास कार्यों को लेकर सरकार की बेरूखी को लेकर शिकायत की। साथ ही कहा कि मुख्यमंत्री मिलते है तो मान-सम्मान देते है लेकिन काम नहीं होते। उनकी कोई पद में रूचि नहीं है, बस केवल सरकार प्रदेश के लिए अच्छा काम करे, जिससे हम 2028 में फिर से रिपीट कर सकें। पीएम मोदी ने राजे को विकास कार्य करने का भरोसा दिलाया। साथ ही पार्टी के साथ काम करने की सलाह दी।

प्रदेश भाजपा प्रभारी राधामोहन दास अग्रवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मुलाकात की तस्वीर को रिपोस्ट करते हुए बधाई दी है। ऐसे माना जा रहा है कि वसुंधरा राजे को दिल्ली से कोई बड़ा पद मिल सकता है। चूंकि पिछले कई दिनों से राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर राजे का नाम चल रहा है।

सूबे में बीजेपी की सरकार होने के बावजूद उससे दूर-दूर रहने वाली राजे गाहे-बगाहे गहरे अर्थों वाले बयान देती रही हैं. राजे के ये बयान सियासी गलियारों में काफी चर्चा में रहते हैं. दो बार राजस्थान की सीएम रह चुकी और बीजेपी की कद्दावर नेता राजे के बयानों को लेकर हालांकि पार्टी की तरफ से कभी कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आती लेकिन उनके कई मायने निकाले जाते हैं. इसके कारण राजे चुप रहकर भी राजस्थान की राजनीति में छाई रहती हैं.

राजे ने झालावाड़ में चलाए थे सियासी तीर
राजे ने बीते दिनों नंवबर माह में झालावाड़ में महाराणा प्रताप की प्रतिमा का अनावरण करते हुए कई सियासी तीर चलाए थे. उस मौके पर दिया गया राजे का स्पीच अभी भी खासा चर्चा में बना हुआ है. उसके बाद जब पार्टी में हलचल हुई तो सभी राजे को कद्दावर नेता बताते हुए उनके बयानों से किनारा कर लिया था. उस कार्यक्रम में राजे ने कहा था कि बादल कुछ देर तो सूरज के आगे आकर उसे अदृश्य कर सकते हैं लेकिन ज्यादा देर तक उसका तेज रोकने का उनमें सामर्थ्य नहीं होता है. इसके साथ वसुंधरा राजे ने कहा कि यह भी कहा था कि आजकल लोग पीठ में छुरा घोपनें में माहिर हैं.

राजे ने कहा था कि समय का चक्र पहिये सा घूमता है
इस कार्यक्रम में राजे ने अत्यंत विकट परिस्थिति का जिक्र करते हुए कहा था कि जो हालत से हार नहीं मानते हैं, जीत आखिरकार उन्हीं की होती है. इस समारोह में राजे ने समय और हालात का जिक्र करते हुए और महाराणा प्रताप का उदाहरण देते कहा कि समय का चक्र पहिये सा घूमता है. कभी-कभी महलों में मखमल पर सोने वाले राजा को भी जंगल में कांटों पर सोना पड़ता है. इन बयानों के करीब एक माह बाद अब राजे की पीएम मोदी से मुलाकात की राजनीतिक गलियारों में हलचल मचाए हुए है.

चुनाव में प्रभावी में भूमिका नहीं मिलने से राजे खफा नजर आई थीं
उल्लेखनीय है कि पिछले विधानसभा चुनाव में प्रभावी में भूमिका नहीं मिलने से राजे के खफा होने की काफी चर्चाएं रही थी. विधानसभा चुनाव के बाद राजे के तीसरे बार सीएम बनने की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया था. लेकिन ऐसा हो नहीं पाया और पार्टी ने राजस्थान की कमान पहली बार विधायक बने भजनलाल शर्मा को सौंप दी. उसके बाद से राजे ने कई बार पार्टी और सार्वजनिक समारोह में बिना किसी का नाम लिए कई बड़े बयान दिए थे. विधानसभा उपचुनाव में भी राजे बहुत ज्यादा सक्रिय नहीं रही थीं. इसको लेकर भी पार्टी के भीतर और बाहर तरह की चर्चाओं ने तूल पकड़ा था.

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