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मुकदमा दर्ज होने के बाद भी आरोपी बनवा सकेगा पासपोर्ट, अब नहीं आएगी कोई दिक्कत, जानें पूरी जानकारी…

अबतक इंडिया न्यूज 1 दिसम्बर । राजस्थान हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है, जिससे पासपोर्ट बनवाने या रिन्यू करवाने में परेशानी का सामना कर रहे लोगों को राहत मिल सकती है. अदालत ने कहा है कि पुलिस की वेरिफिकेशन रिपोर्ट के आधार पर पासपोर्ट जारी करने से इनकार नहीं किया जा सकता है. इसके अलावा, अदालत ने यह भी कहा है कि पासपोर्ट प्राधिकरण को पासपोर्ट जारी करने या रद्द करने का निर्णय लेने के लिए पुलिस की वेरिफिकेशन रिपोर्ट पर निर्भर नहीं रहना चाहिए.

राजस्थान हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है, जिससे पासपोर्ट बनवाने या रिन्यू करवाने में परेशानी का सामना कर रहे लोगों को राहत मिल सकती है. अदालत ने कहा है कि प्रतिकूल पुलिस सत्यापन रिपोर्ट किसी नागरिक को पासपोर्ट पाने के उसके कानूनी अधिकार से वंचित नहीं कर सकती है. इसका मतलब है कि यदि आपका पासपोर्ट बनवाने या रिन्यू करवाने में समस्या आ रही है, तो आपको अब परेशान होने की जरूरत नहीं है.

कानून क्या कहता है?
राजस्थान हाईकोर्ट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है, जिसमें कहा गया है कि प्रतिकूल पुलिस सत्यापन रिपोर्ट किसी नागरिक को पासपोर्ट पाने के उसके कानूनी अधिकार से वंचित नहीं कर सकती है. जस्टिस अनूप कुमार ढांड की पीठ ने कहा कि पासपोर्ट अथॉरिटी पुलिस रिपोर्ट से बंधी नहीं है और इसमें विवेकाधिकार दिया गया है जिसमें वेरिफिकेशन रिपोर्ट के बावजूद निष्पक्ष फैसला लेने का अधिकार शामिल है. इसके तहत किसी भी नागरिक को पासपोर्ट पाने के उसके कानूनी अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है.
पासपोर्ट विभाग के पास फैसला लेने का अधिकार होता है, लेकिन राजस्थान हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. अदालत ने कहा है कि पासपोर्ट विभाग को पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट के आधार पर पासपोर्ट जारी करने से इनकार नहीं करना चाहिए. इसके अलावा, अदालत ने यह भी कहा है कि पासपोर्ट विभाग को पासपोर्ट जारी करने या रद्द करने का निर्णय लेने के लिए पुलिस की वेरिफिकेशन रिपोर्ट पर निर्भर नहीं रहना चाहिए. इस मामले में, हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और पासपोर्ट अधिकारी को याचिकाकर्ता के पासपोर्ट नवीनीकरण आवेदन को आठ सप्ताह के भीतर पूरा करने का निर्देश दिया है.
राजस्थान हाईकोर्ट ने सावित्री शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. शर्मा की राष्ट्रीयता पर पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट में सवाल उठाए गए थे, जिसे उन्होंने कोर्ट में चुनौती दी थी. शर्मा के दादा नेपाली मूल के थे, लेकिन उनका जन्म, विवाह और परिवार भारत से जुड़ा हुआ है. कोर्ट ने केंद्र सरकार और पासपोर्ट अथॉरिटी को शर्मा के पासपोर्ट नवीनीकरण आवेदन पर आठ सप्ताह के भीतर फैसला लेने का आदेश दिया है.

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