राजस्थान में शीतलहर का कहर जारी,यहां जमने लगी है बर्फ ,पारा भी पहुंचा माइनस

अबतक इंडिया न्यूज 14 दिसम्बर । राजस्थान में इनदिनों शीतलहर का कहर जारी है. सीकर और चूरू जैसे इलाकों में पिछले एक-दो दिनों से लगातार बर्फ जम रही है, जिससे लोगों को कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, फतेहपुर में पिछले तीन दिनों से न्यूनतम तापमान माइनस में दर्ज किया जा रहा है, जो कि इस क्षेत्र में अत्यधिक ठंड की स्थिति को दर्शाता है.
राजस्थान में कड़ाके की ठंड का कहर जारी है. मौसम विभाग ने राज्य के 8 जिलों में शीतलहर को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है. सीकर और चूरू जैसे इलाकों में पिछले एक-दो दिनों से लगातार बर्फ जम रही है. फतेहपुर में पिछले तीन दिनों से न्यूनतम तापमान माइनस में दर्ज किया जा रहा है. हालात ये है कि खुले में रखा पानी जम गया है. कड़ाके की ठंड के चलते पूरा लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.
प्रदेश के पश्चिमी जिलों जैसे जैसलमेर और बीकानेर में भी दिन के समय तापमान 25 डिग्री से नीचे रहा और रात में लुढ़क गया. मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दो दिनों में कड़ाके की ठंड के लिए चेतावनी जारी की है. हालांकि, 15 दिसंबर के बाद से कुछ राहत मिल सकती है और पारा बढ़ सकता है.
बीते 24 घंटों में सबसे कम तापमान फतेहपुर में रहा. शुक्रवार को यहां न्यूनतम तापमान -0.1 डिग्री दर्ज हुआ. राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में भी सर्दी का सितम जारी है. जहां पहले दिन के समय थोड़ी गर्मी महसूस होती थी, अब दिन में भी गलन हो रही है.
राजस्थान में इनदिनों शीतलहर का कहर जारी है. सीकर और चूरू जैसे इलाकों में पिछले एक-दो दिनों से लगातार बर्फ जम रही है, जिससे लोगों को कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, फतेहपुर में पिछले तीन दिनों से न्यूनतम तापमान माइनस में दर्ज किया जा रहा है, जो कि इस क्षेत्र में अत्यधिक ठंड की स्थिति को दर्शाता है
इस ठंड के कारण लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. लोगों को घरों से बाहर निकलने में भी परेशानी हो रही है. स्कूलों और कॉलेजों में भी छुट्टियां घोषित की गई हैं ताकि बच्चों को इस ठंड से बचाया जा सके.
मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दो दिनों में भी ठंड की स्थिति जारी रहेगी. इसके बाद धीरे-धीरे तापमान में वृद्धि होने की संभावना है. लेकिन अभी तक लोगों को इस ठंड से सावधान रहने की आवश्यकता है.इस ठंड के कारण किसानों की भी चिंता बढ़ गई है. किसानों को अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए विशेष सावधानी बरतनी होगी. इसके अलावा, लोगों को भी अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा और ठंड से बचाव के लिए आवश्यक उपाय करने होंगे.