अमित शाह के बाद अब केंद्रीय मंत्री अर्जुन आए कांग्रेस के निशाने पर,भक्त शिरोमणि मीरा बाई पर दिए बयान ने पकड़ा तूल

अबतक इंडिया न्यूज 26 दिसम्बर बीकानेर । पूर्व मंत्री गोविंदराम मेघवाल ने भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि पूरे देश में अब तक साम्प्रदायिकता फैलाने का कार्य कर रहे थे।फिर देश के महापुरुषों पर अपमानजनक भाषा में टिप्पणियाँ करने लगे।और अब महान सन्तो पर गलत बयानी के जरिये इतिहास को तोड़मरोड़कर पेश कर रहे हैं,जिससे जाती विशेष और आमजन की भावनाओं को आहत कर आक्रोश के लिए उकसाया जा रहा है।
भक्त शिरोमणि मीरा बाई न केवल हमारा सामूहिक गौरव हैं, अपितु लोक की आत्मा में बसा एक सांस्कृतिक मूल्य है, जिसकी चेतना से यह देश युगों तक स्पंदित होता रहेगा।
सबसे आपत्तिजनक मंत्री अर्जुन मेघवाल का यह कहना कि मीरा बाई के देवर उनसे विवाह करने की इच्छा रखते थे, इसलिए उन्हें प्रताड़ना दी।
अव्वल तो राजस्थान के राजपूतों में पुनर्विवाह की परम्परा आज भी नहीं है, मीरा बाई के समय तो असंभव ही था।
दूसरा, लोक साहित्य में प्रचलित बातें छोड़िए और विशुद्ध ऐतिहासिक और वास्तविकता यह है कि जिस मेवाड़ से सीधे टकराने दिल्ली का बादशाह तक नहीं आता हो, क्या उस मेवाड़ में बिना महाराणा की इच्छा के एक स्त्री भक्तिमती हो सकती थी ?
मीरा बाई, भारत के लिए माँ मीरा हैं। वह मारवाड की अनन्या स्त्री-कवि हैं। वह संत-सिरमौर हैं। मीरा बाई राजस्थान की भगवद्भक्ति की अपूर्व मिशाल है।एक तथाकथित भजन गायक मन्त्री ऐसा गलत बयानी करेगा यह किसी ने सोचा नहीं होगा।भक्त शिरोमणि मीरा बाई न केवल हमारा सामूहिक गौरव हैं, अपितु आमजनता की आत्मा में बसा एक सांस्कृतिक मूल्य है।
अर्जुनराम ने षड्यंत्रकारियों के साथ मिलकर मीरांबाई जैसे निर्मल, परम पवित्र और सात्विक व भारत ही नहीं संसार भर की महिलाओं के लिये आदर्श चरित्र का हनन जानबूझकर किया है।
बीजेपी और RSS पिछले दस-पन्द्रह सालों से वर्गों,धर्मोंऔर जातियों को लड़ाने के लिए इतिहास और संस्कृति के पीछे हाथ धोकर पड़ी है।
हम चाहते हैं कि इस प्रकार की अभद्र टिप्पणी के खिलाफ मंत्री अर्जुनराम स्वयं सार्वजनिक रूप से माफी मांगे।