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‘आज जहां जामा मस्जिद है, वहां था हरिहर मंदिर’, हिन्‍दू पक्ष का दावा- आइन-ए-अकबरी में है यह बात

अबतक इंडिया न्यूज 24 नवंबर ।  उत्‍तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद सर्वे को लेकर विवाद गहरा गया है. कोर्ट के आदेश पर मस्जिद का सर्वे करने पहुंची टीम पर भीड़ ने हमला कर दिया. पुलिस ने टीम के सदस्‍यों को वहां से सुरक्षित निकाल लिया. उग्र लोगों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस की ओर से बल प्रयोग किया गया. इसके बाद पुलिस प्रशासन की टीम पर भी पत्‍थरबाजी शुरू कर दी गई. प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों की ओर से फायरिंग करने का भी दावा किया है. इसमें कई पुलिसवाले घायल हो गए हैं. SDM के पैर में भी टूट गया. हिंसक घटना में तीन युवकों की मौत भी हो गई. अब सवाल यह है कि संभल में शताब्दियों पुरानी शाही जामा मस्जिद को लेकर अचानक विवाद क्‍यों गहरा गया है? हिन्‍दू पक्ष ने जामा मस्जिद को लेकर ऐसा क्‍या दावा किया कि कोर्ट ने सर्वे कराने का आदेश दे दिया. हिन्‍दू पक्ष ने कोर्ट में दावा किया है कि आज जहां शाही जामा मस्जिद स्थित है, वहां कभी हरिहर मंदिर था. इसको लेकर ऐतिहासिक साक्ष्‍य होने का भी दावा किया गया है.

दरअसल, हिंदू पक्ष के स्थानीय वकील गोपाल शर्मा ने बताया कि अदालत में दाखिल उनकी याचिका में कहा गया है कि बाबरनामा और आइन-ए-अकबरी किताब में इस बात का उल्लेख है कि जिस जगह पर आज जामा मस्जिद है, वहां कभी हरिहर मंदिर हुआ करता था. उन्होंने यह भी दावा किया कि मंदिर को मुगल सम्राट बाबर ने 1529 में ध्वस्त कराया था. इसके बाद उसी स्‍थल पर मस्जिद का निर्माण कराया गया. बता दें कि बाबरनामा मुगल सम्राट बाबर की आत्‍मकथा है. आइन-ए-अकबरी 16वीं शताब्दी का ब्‍योरावार ग्रन्थ है. इसकी रचना अकबर के ही एक नवरतन दरबारी अबुल फज़ल ने की थी. इसमें अकबर के दरबार और उसके प्रशासन के बारे में चर्चा की गई है.

 

मुस्लिम समुदाय की क्‍या है आपत्ति?
समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद जिया उर रहमान बर्क ने इस घटनाक्रम पर आपत्ति जताई है. उन्‍होंने कहा कि संभल की जामा मस्जिद ऐतिहासिक और बहुत पुरानी है. सुप्रीम कोर्ट ने साल 1991 में एक आदेश में कहा था कि साल 1947 से जो भी धार्मिक स्थल जिस भी स्थिति में हैं, वे अपने स्थान पर बने रहेंगे. संभल की जामा मस्जिद मामले पर अगली सुनवाई 29 जनवरी को होगी. कोर्ट की ओर से मस्जिद का सर्वे कराने के आदेश के बाद से ही संभल में तनाव फैला हुआ है. रविवार सुबह जब सर्वे की टीम मौके पर पहुंची तो वहां धीरे-धीरे भीड़ जमा होने लगी. देखते ही देखते एक पक्ष ने नारेबाजी शुरू कर दी. कुछ ही देर में पत्‍थरबाजी शुरू हो गई. पुलिस प्रशासन का दावा है कि भीड़ की तरफ से गोलियां भी चलाई गई. संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि संभल के सपा सांसद जिया उर रहमान वर्क के पिता ममलुकुर रहमान वर्क सहित 34 लोगों को पाबंद किया गया है.

क्‍या बोले सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट?
सुप्रीम कोर्ट में वकील और मामले में याचिकाकर्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा, ‘सिविल जज (सीनियर डिविजन) चंदौसी के आदेश पर एडवोकेट कमिश्नर ने सुबह करीब सात बजे से शुरू हुआ, वहां की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी पूरी हुई. अब एडवोकेट कमिश्नर 29 नवंबर तक अदालत में अपनी रिपोर्ट देंगे.’ जैन ने पिछले मंगलवार को कहा था कि मस्जिद से संबंधित याचिका में केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार, मस्जिद कमेटी और संभल के जिला मजिस्ट्रेट को पक्षकार बनाया गया है. विष्णु शंकर जैन और उनके पिता हरि शंकर जैन ने ज्ञानवापी मस्जिद-काशी विश्वनाथ मंदिर विवाद सहित उपासना स्थलों से संबंधित कई मामलों में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व किया है.

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