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उम्र पर भारी भक्ति की शक्ति,75 की उम्र में राठी की करणी माता ओरण की चौथी बार दंडवत परिक्रमा,समापन पर मां करणी को लगायेंगे छप्पन भोग

 अबतक इंडिया न्यूज 10 नवंबर देशनोक । मां करणी की भक्ति व आस्था से सरोबार करणी भक्त मां करणी की पवित्र ओरण की 12 कौसी पैदल परिक्रमा करते है।कार्तिक माह की शुक्लपक्ष की चतुर्दशी को वार्षिक ओरण परिक्रमा की जाती है।इस रात्रि की ओरण परिक्रमा का जनमानस में  विशेष आध्यात्मिक महत्व माना जाता है।
           मां करणी की भक्ति व आस्था में लीन कई अनन्य अभीष्ट मन्नत के लिए भक्त दंडवत परिक्रमा भी करते है।लेकिन एक ऐसा भी करणी भक्त है जिनकी श्रद्धा,आस्था व भक्ति अद्भुत है।कोई मन्नत नहीं,कोई स्वार्थ नहीं,कोई मांग नहीं,केवल भक्ति और श्रद्धा से सरोबार यह 75 वर्षीय बुजुर्ग करणी भक्त चौथी बार मां करणी की पवित्र ओरण की दंडवत परिक्रमा कर रहे है।
             जी हां, हम बात कर कर रहे है देशनोक निवासी व कोलकाता प्रवासी व्यवसायी गोपाल दास राठी की।राठी मां करणी के अनन्य भक्त है।राठी मां करणी की भक्ति में इस कदर लीन हो चुके है कि 75 वर्ष की आयु में भी वो चौथी बार करणीमाता ओरण की 12 कौसी (लगभग 36 km.) दंडवत परिक्रमा कर रहे है।राठी के साथ उनका भतीजा विजय राठी व पारिवारिक मित्र रोहित सेठिया भी ओरण की दंडवत परिक्रमा कर रहे है।विजय पांचवी बार जबकि सेठिया पहलीबार दंडवत परिक्रमा कर रहे है।
    राठी पर चढ़ा करणी भक्ति का रंग
    भक्ति में शक्ति का पर्याय बन चुके 75 वर्षीय राठी ने 2023 में कोलकाता से देशनोक करणी माता के दर्शन हेतु पैदल यात्रा की थी।13 अगस्त 2023 को कोलकाता से पैदल यात्रा शुरू कर 5 अक्टूबर 2023 को 54 दिनों में 1870 किलोमीटर की  यात्रा पूर्ण कर देशनोक पहुंचकर मां करणी के दर्शन किए।देशनोक पहुंचने पर करणी भक्त राठी का देशनोक में भव्य स्वागत हुआ था।
https://youtu.be/v_HI1Gi8ts4?si=ucUiRKBph96UaLOK
राठी की चौथी दंडवत ओरण परिक्रमा
गोपाल दास राठी
गोपाल दास राठी
    75 वर्षीय गोपाल दास राठी ने उम्र को मात दे कर चौथी बार करणीमाता ओरण की  दंडवत यात्रा पर है।इस 12 कौसी ओरण दंडवत यात्रा का शुभारंभ राठी ने 2 नवंबर को किया था जिसका समापन अनुमानित 12 नवंबर को करेंगे। समापन पर राठी परिवार द्वारा मां करणी को छप्पन भोग लगाया जायेगा।राठी ने पहली दंडवत यात्रा 2018 में की थी।दूसरी व तीसरी दंडवत यात्रा क्रमशः 2021 व 2022 में की।
     राठी के साथ उनके भतीजे विजय राठी (41वर्ष)भी अपनी पांचवी दंडवत यात्रा कर रहे है।विजय ने भी अपनी पहली दंडवत यात्रा 2018 में की थी।उसके बाद विजय ने 2021,2022,2023 में दूसरी,तीसरी व चौथी दण्डव यात्रा की थी।
   राठी की दंडवत परिक्रमा से प्रेरित होकर उनके पारिवरिक मित्र रोहित सेठिया(35 वर्ष)प्रवासी  कोलकाता अपनी पहली दंडवत यात्रा कर रहे है।
   दंडवत यात्रा समापन पर छप्पन भोग
     करणी भक्त गोपाल दास राठी गणेश दास राठी परिवार द्वारा दंडवत यात्रा के समापन पर मां करणी को छप्पन भोग लगाया जायेगा।राठी परिवार द्वारा मां करणी को 17 वीं बार छप्पन भोग का प्रसाद लगाया जायेगा।2007 में राठी परिवार ने पहलीबार कार्तिक शुक्लपक्ष चतुर्दशी को  मां करणी को छप्पन भोग लगाया था जो अबतक प्रतिवर्ष जारी है।
   राठी की दिनचर्या आस्था से परिपूर्ण
     देशनोक निवासी व कोलकाता प्रवासी गोपालदास राठी आज की युवा पीढी के लिए ही नही सभी सनातन धर्म प्रेमी गृहस्थ जीवन व्यतीत करनेवालों के लिए प्रेरणा केंद्र है।पेशे से व्यवसायी व सम्पन्न होने के बावजूद राठी शुद्ध ,सरल व सात्विक जीवन व्यतीत करते है।पूरे वर्ष शीतल जल से स्नान करते है,जमीन सोते है।राठी के भतीजे विजय ने बताया कि पिछले दो वर्षों से 75 वर्षीय राठी कठोर उपवास करते है।ये उपवास प्रति माह की दोनों पक्षो की षष्ठी,एकादशी,अमावश्या व पूर्णिमा को निराहार व निर्जल  उपवास करते है।

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