कौन होगा हरियाणा में CM? कांग्रेस में हुड्डा से सैलजा तक ने भरा दम, असली सिरदर्द तो अब शुरू होगा!

अबतक इंडिया न्यूज 6 अक्टूबर । हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए 5 अक्तूबर को वोटिंग के बाद एग्जिट पोल (Haryana Exit Polls) के नतीजों ने कांग्रेस को खुशखबरी दी. सभी एग्जिट पोल में भाजपा का सफाया हो गया. ऐसे में इन नतीजों पर विश्वास करें तो हरियाणा में 10 साल बाद कांग्रेस की सत्ता में वापसी हो रही है. हालांकि, कांग्रेस खुश जरूर है. लेकिन असली सिरदर्द तो उसके लिए 8 अक्तूबर के बाद शुरू होगा.
दरअसल, 8 अक्तूबर को हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे. ऐसे में कांग्रेस की जीत पर पार्टी में सीएम के पद के लिए घमासान मचेगा. भूपेंद्र सिंह हुड्डा बेशक सीएम पद की रेस में सबसे आगे हैं, लेकिन उनके सामने कुमारी सैलजा और सुरजेवाला की चुनौती रहेगी. सैलजा और सुरजेवाला भी सीएम पद पर दावेदारी ठोक रहे हैं. सैलजा लगातार कह रही है कि सीएम पद पर फैसला हाईकमान करेगा.
भाजपा के बाद अब कांग्रेस में ही मुकाबला
हरियाणा में कांग्रेस पार्टी के बीच तकरार कोई नई बात नहीं है. पार्टी में हुड्डा बनाम एसआरके ग्रुप बना हुआ था. हालांकि, हुड्डा का गुट बरकरार रहा, लेकिन एसआरके गुट टूट गया. क्योंकि इसमें किरण चौधरी ने कांग्रेस को लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अलविदा कह दिया था. सुरजेवाला, किरण चौधरी और सैलजा तीनों भी सीएम के पद पर दावेदारी जताते रहते थे. अब सुरजेवाला और सैलजा हुड्डा की दावेदारी की राह में कांटे हैं. हालांकि, हुड्डा के लिए सुखद बाद यह है कि 89 सीटों पर कांग्रेस की तरफ से उतारे गए प्रत्याशियों में सबसे अधिक उन्हीं के समर्थक हैं. सैलजा के गिने चुने समर्थकों को टिकट दिया गया था. इसी बात से वह नाराज थी और फिर 15 दिन तक चुनाव प्रचार से दूर रही थी.
सैलजा ने फिर ठोकी दावेदारी
एग्जिट पोल के बाद कुमारी सैलजा ने एक निजी चैनल के साथ बातचीत में कहा कि सीएम पर आलाकमान फैसला लेगा. सीएलपी की मीटिंग में प्रस्ताव होगा और फिर मामला हाईकमान के पास जाएगा और फिर फाइनल फैसला हाईकमान ही करेगा. हालांकि, सैलजा ने सीएम पद पर एक बार फिर से दावेदारी ठोकते हुए कहा कि इसमें मेरा नाम भी हो सकता है. हालांकि, यह सब वक्त बताएगा. सीएम पद की रेस में नाम को लेकर सैलजा कहती हैं कि प्रदेश कांग्रेस में हुड्डा और मैं, दोनों ही सीनियर नेता हैं तो हम दोनों का नाम आना ही स्वभाविक है.
दीपेंद्र हुड्डा
सियासी गलियारों में यह भी चर्चा है कि अगर भूपिंदर सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री पद की रेस से बाहर होते हैं तो वो बेटे दीपेंद्र हुड्डा का नाम भी आगे कर सकते हैं. सीएम पद को लेकर उन्होंने कहा था, “कुमारी शैलजा ने जो कहा है, उसमें कुछ भी गलत नहीं है. इसके लिए कांग्रेस में एक प्रक्रिया है. पार्टी के लिए पहली प्राथमिकता बहुमत हासिल करना और सरकार बनाना है. मुख्यमंत्री के नाम को लेकर पार्टी आलाकमान के स्तर पर एक बैठक होती है. इसमें निर्वाचित विधायकों से सलाह ली जाती है और अंतिम निर्णय पार्टी आलाकमान द्वारा लिया जाता है.
रणदीप सिंह सुरजेवाला
रणदीप सिंह सुरजेवाला के नाम पर भी चर्चा काफी ज्यादा तेज है. अपने गृह क्षेत्र कैथल में अपना वोट डालने के बाद राज्यसभा सांसद और एआईसीसी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा था, “सीएम बनने की महत्वाकांक्षा रखना गलत नहीं है. हम सीएम चेहरे के लिए राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा लिए गए निर्णय को स्वीकार करेंगे.”
उदय भान
पार्टी सूत्रों का कहना है कि हरियाणा कांग्रेस प्रमुख और दलित नेता उदय भान भी सीएम पद के दावेदारों में से एक हैं. उन्हें भूपिंदर सिंह हुड्डा का करीबी माना जाता है. द इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि दिल्ली में एआईसीसी नेताओं के साथ एक बैठक में उन्होंने राज्य में एक दलित चेहरे को आगे करने की बात कही थी.
एग्जिट पोल के नतीजों के बाद रोहतक में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने न्यूज़ चेनल से खास बातचीत में कहा कि प्रदेश में पूर्ण बहुमत से कांग्रेस सरकार आएगी. सीएम पद के सवाल पर हुड्डा बोले कि कांग्रेस विधायक दल और पार्टी हाईकमान मुख्यमंत्री का चुनाव करेगा. वहीं, सैलजा और सुरजेवाला की दावेदारी पर हुड्डा ने कहा कि कोई भी आकांक्षा रख सकता है. हालांकि, सीएम का चुनाव एक प्रक्रिया है कि विधायक अपनी राय देंगे और फिर आलाकमान फैसला लेगा.