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मरुधरा में शुरू हुआ गुलाबी सर्दी का अहसास, आज इन जिलों में बारिश के हैं आसार

अबतक इंडिया न्यूज 7 अक्टूबर । मौसम के लिहाज से आज का दिन राजस्थानवासियों के लिए बेहद खास होने वाला है. मरुधरा में मानसून विदाई ले चुका है.  वहीं, मानसून के प्रदेश में लंबे समय तक टिकने के चलते मौसम विभाग ने घोषणा की है कि इस साल प्रदेश में हाड़ कंपाने वाली ठंड पड़ने वाली है. यानी की इस बार ठंड जमकर लोगों की धूजणी  छुड़ाएगी.

मरुधरा में मानसून की विदाई के साथ ही तापमान में भी बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. बढ़ रही उमस से लोग परेशान हो रहे हैं लेकिन जल्द ही मौसम में बदलाव के आसार हैं. मौसम विभाग की जानकारी के अनुसार, आज सोमवार 7 अक्टूबर को प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में मौसम शुष्क रहने वाला है. आज राजस्थान के पश्चिमी जिलों जैसलमेर, बाड़मेर, धौलपुर, फलोदी, बीकानेर, खाजूवाला आदि जिलों में आसमान पूरी तरह से साफ रहने वाला है.

वहीं, दोपहर के बाद की बात करें तो हल्के-फुल्के बादलों की आवाजाही आसमान में बनी रहेगी. जोधपुर, उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा से लेकर राजसमंद, भींडर, बांसवाड़ा, जालोर, सिरोही, ब्यालर, जैतरण आदि इलाकों में बादल छाए रह सकते हैं. अगर बारिश होती भी है तो वह बेहद हल्की रहेगी. कुछ जिलों में आंशिक बारिश का अलर्ट भी जारी किया गया है.

राजस्थान में मौसम की लुकाछिपी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के असर के कारण 8 और 9 अक्टूबर को उत्तरी और पश्चिमी राजस्थान की कुछ जगहों पर मामूली बूंदाबांदी हो सकती है. वहीं, तापमान की बात करें तो बीते शनिवार की अपेक्षा रविवार को तापमान आधा डिग्री और लुढ़क गया है.
जैसे ही अक्टूबर महीने की शुरुआत हुई, वैसे ही मानसून ने पूरी तरह से विदाई ले ली है. महीने के शुरुआती सप्ताह से ही धूप भी सामान्य होने लगी है. पश्चिमी राजस्थान में रात के समय ठंड महसूस होने लगी है.
बीते रविवार को पूर्वी राजस्थान में अच्छी खासी गर्मी रही. अलवर और सीकर के फतेहपुर में तापमान 38.0 डिग्री पर अटका रहा. मौसम विभाग का कहना है कि इस साल कड़ाके की ठंड पड़ने के आसार है. अक्टूबर-नवंबर के महीने में उत्तर भारत और उसके आसपास के इलाकों में ला- नीना के सक्रिय हो सकता है. हालांकि इसको लेकर मौसम विभाग ने कोई जानकारी नहीं दी है कि कितनी ठंड पड़ेगी. इसका सही अनुमान नवंबर में ही लग पाएगा क्योंकि ला नीना की वजह से ही तापमान में गिरावट आती है, जिससे सर्दियों में बारिश भी ज्यादा होती है.
ला -नीना क्या है?
ला नीना एक ऐसा मौसम पैटर्न है, जिसमें भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह का पारा औसत से अधिक ठंडा हो जाता है. तापमान में काफी ज्यादा गिरावट आती है, जिससे बारिश की आशंका बढ़ती है.
ज्यादातर मौसम का यह पैटर्न अप्रैल से जून के बीच शुरू होता है, जिससे तेज हवाएं चलने लगती हैं, जो समुद्र के पानी को पश्चिम की ओर धकेलती हैं. इससे समुद्र की सतह ठंडी होने लगती है. यह पैटर्न पूरी दुनिया के मौसम को प्रभावित करता है.

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