रतन टाटा अब नहीं रहे, महाराष्ट्र से झारखंड तक शोक… अभी पार्थिव शरीर कहां, कैसे होगा अंतिम दर्शन?

अबतक इंडिया न्यूज 10 अक्टूबर । रतन टाटा अब हमारे बीच नहीं रहे. भारत के दिग्गज और मशहूर अरबपति रतन टाटा ने दुनिया को अलविदा कह दिया. 86 साल के रतन टाटा ने बुधवार देर रात मुंबई के अस्पताल में आखिरी सांस ली. टाटा समूह के मानद चेयरमैन की रतन टाटा के निधन से देश में शोक की लहर है. रतन टाटा का दुनिया से जाना भारत के लिए बड़ी क्षति है. राष्ट्रपति और पीएम मोदी समेत कई दिग्गजों ने उनके निधन पर शोक जताया है. रतन टाटा कई दिनों से बीमार थे. वह दक्षिण मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती थे. वह बेहद ही दरियादल इंसान थे. रतन टाटा को राजकीय सम्मान के साथ विदाई दी जाएगी. तो चलिए जानते हैं रतन टाटा के अंतिम संस्कार से जुड़े सभी लेटेस्ट अपडेट्स.
रतन टाटा का अंतिम सोशल मीडिया पोस्ट
Thank you for thinking of me 🤍 pic.twitter.com/MICi6zVH99
— Ratan N. Tata (@RNTata2000) October 7, 2024
भारतीय उद्योग जगत के पितामह रतन टाटा नहीं रहे
भारतीय उद्योग जगत के पितामह रतन टाटा अब इस दुनिया में नहीं रहे. पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे भारतीय उद्योगपति और टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन नवल टाटा का बुधवार को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया. वह 86 वर्ष के थे. उन्हें सोमवार को उम्र संबंधी बीमारियों के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था और बुधवार को उनकी स्थिति “गंभीर” हो गई थी.
PM मोदी ने दिग्गज रतन टाटा के निधन पर शोक जताया
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें एक दूरदर्शी कारोबारी नेता और असाधारण इंसान बताया. पीएम मोदी ने ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘श्री रतन टाटा जी का सबसे अनूठा पहलू बड़े सपने देखना और दूसरों को कुछ देने के प्रति उनका जुनून था. वह शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, स्वच्छता, पशु कल्याण जैसे मुद्दों को आगे बढ़ाने में सबसे आगे रहे थे.’ पीएम मोदी ने कहा कि रतन टाटा ने भारत के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित व्यापारिक घरानों में से एक, टाटा समूह को स्थिर नेतृत्व प्रदान किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि अपनी विनम्रता, दयालुता और हमारे समाज को बेहतर बनाने के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के कारण वह कई लोगों के प्रिय बन गए थे.
रतन टाटा को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी
रतन टाटा को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी. आज जनता के दर्शन के लिए उनके पार्थिव शरीर को NCPA में रखा जाएगा. 86 वर्ष की आयु में दुनिया को अलविदा कह देने वाले दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इसकी घोषणा की है. टाटा का बुधवार देर रात मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया. उन्होंने बिजनेस और समाजसेवा दोनों क्षेत्रों में एक अमिट छाप छोड़ी है.
कहां होगा रतन टाटा का अंतिम संस्कार?
रतन टाटा को राजकीय सम्मान के साथ विदाई दी जाएगी. फिलहाल, उनके पार्थिव शरीर को कोलाबा स्थित उनके घर ले जाया गया है. यहां से रतन टाटा के पार्थिव शरीर को वर्ली श्मशान घाट ले जाया जाएगा. उनका अंतिम संस्कार उसी जगह पर होगा, जहां साइरस मिस्त्री का अंतिम संस्कार किया गया था.
अभी कहां है रतन टाटा का पार्थिव शरीर?
रतन टाटा का पार्थिव शरीर को मुंबई के कोलाबा में उनके बंगले में रखा गया है. सुबह 9.45 पर उनके पार्थिव शरीर को कोलाबा से एनसीपीए के लिए ले जाया जाएगा. कोलाबा से एनसीपीए की दूरी 2 किलो मीटर है. इसके लिए मुंबई पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर बनाया है.
कैसे होगा अंतिम संस्कार?
रतन टाटा अब नहीं रहे. अंतिम दर्शन के लिए सुबह 10 से शाम 4 बजे रत टाटा का पार्थिव शरीर को एनसीपीए में रखा जायेगा. उसके बाद नरीमन प्वाइंट के एनसीपीए से रत्न टाटा के पार्थिव शरीर को वर्ली ले जाया जाएगा, पारसी रीती रिवाज से उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. रतन टाटा का पारसी रीति रिवाज रिवाज से अंतिम संस्कार किया जाएगा.
रतन टाटा के निधन पर सभी कार्यक्रम रद्द
देशवासियों की गुरुवार को जब नींद खुली तो एक खबर ने हिला दिया. वह खबर थी रतन टाटा का निधन. मशहूर उद्योगपति रतन टाटा के निधन से देश को बड़ा झटका लगा है. उनके निधन पर देश में शोक की लहर है. अब उन्हें राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी. मुंबई में राज्य सरकार के सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं. महाराष्ट्र के मंत्री दीपक केसरकर ने यह जानकारी दी.
झारखंड में रतन टाटा के निधन पर एक दिन का राजकीय शोक
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर आज यानी गुरुवार को एक दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की. एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने बताया कि 86 वर्षीय टाटा ने दक्षिण मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में बुधवार रात 11.30 बजे अंतिम सांस ली. वह पिछले कुछ दिनों से अस्पताल में भर्ती थे.
हेमंत सोरेन ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘झारखंड जैसे पिछड़े राज्य को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने वाले टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन और पद्म विभूषण रतन टाटा जी के निधन पर एक दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की गई है.’
क्या है रतन टाटा का पूरा नाम?
भारत के दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का पूरा नाम रतन नवल टाटा था. उनका जन्म 28 दिसंबर 1937 को मुंबई में हुआ था. रतन टाटा, नवल टाटा और सूनी कमिसारीट के बेटे थे. जब रतन टाटा 10 साल के थे, तब वे अलग हो गए थे. उसके बाद उन्हें जेएन पेटिट पारसी अनाथालय के माध्यम से उनकी दादी नवाजबाई टाटा ने औपचारिक रूप से गोद ले लिया था. रतन टाटा का पालन-पोषण उनके सौतेले भाई नोएल टाटा (नवल टाटा और सिमोन टाटा के बेटे) के साथ हुआ.
हर सेक्टर में रतन टाटा ने कंपनी को दिलाई नई पहचान
रतन टाटा को काफी दानवीर और दयालु कहा जाता है. उन्होंने टाटा समूह को फर्श से अर्श तक पहुंचाया. उनके कार्यकाल में टाटा समूह ने रोज नई ऊंचाई को छुआ. हमारे-आपके घर तक अगर टाटा की पहुंच है तो उसकी वजह रतन टाटा ही हैं. रसोई से लेकर बेडरूम तक में टाटा के सामान हैं. आज चाय से लेकर जैगुआर लैंड रोवर कार और नमक बनाने से लेकर जहाज उड़ाने और होटलों का ग्रुप चलाने तक जिंदगी के विभिन्न क्षेत्रों में टाटा का जलवा नजर आता है.
पद्म विभूषण और पद्म भूषण से सम्मानित थे रतन टाटा
पद्म विभूषण और पद्म भूषण से सम्मानित भारत के दिग्गज रतन टाटा का जीवन सबके लिए प्रेरणास्रोत रहा. वे कहते थे- मैं सही निर्णय लेने में विश्वास नहीं करता. मैं निर्णय लेता हूं और फिर उन्हें सही बनाता हूं. शक्ति और धन मेरे दो मुख्य हित नहीं हैं.
रतन टाटा के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे अमित शाह
रतन टाटा के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोएल टाटा से फोन पर बात की और संवेदना व्यक्त की. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भारत सरकार की ओर से रतन टाटा के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे. रतन टाटा का बुधवार की देर रात मुंबई में निधन हो गया.