Breaking newsकानूनक्राइमटॉप न्यूज़देशराजस्थान

लव जिहाद बड़ी साजिश, विदेश से हो रही फंडिंग… कोर्ट की बड़ी टिप्पणी, आरोपी को सुनाई उम्रकैद की सजा

अबतक इंडिया न्यूज 2 अक्टूबर । उत्तर प्रदेश में लगातार बढ़ रहे लव जिहाद के मामलों के बीच बरेली के फास्ट ट्रैक कोर्ट ने एक लव जिहाद मामले में आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई है. इस दौरान कोर्ट ने जो बात कही है, उसको लेकर विवाद शुरू हो गया है. साथ ही मामले की सुनवाई कर रहे फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम के जज रवि कुमार दिवार ने बड़ी टिप्पणी की है. उन्होंने कहा, ‘विदेशी फंडिंग से लव जिहाद की घटनाएं हो रही हैं.’ अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रवि कुमार दिवाकर ने उनके समक्ष मामले को “लव जिहाद का उदाहरण” बताया और कहा कि ऐसे मामलों में “धोखाधड़ी और धर्म परिवर्तन” शामिल है.

‘लव जिहाद के जरिए विश्व में हलचल मचाना लक्ष्य’
उन्होंने यह भी कहा, ‘लव जिहाद’ का प्राथमिक उद्देश्य जनसांख्यिकी को बदलना और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल मचाना है. एक धार्मिक समूह के भीतर कट्टरपंथी गुटों द्वारा प्रेरित है. यह धोखाधड़ी विवाह के माध्यम से गैर-मुस्लिम महिलाओं को इस्लाम में कंवर्ट किया जा रहा है.’ टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक मामले में पीड़िता ने कोर्ट में अपना बयान बदलते हुए कहा कि उसका प्रारंभिक बयान जो भी है, वो दक्षिणपंथी लोगों द्वारा मेरे माता-पिता पर दबाव डालने के कारण था.’

42 पन्नों का जारी किया आदेश
न्यायाधीश ने लव जिहाद की प्रकृति, उद्देश्य और वित्तपोषण के बारे में भी बताया. कोर्ट ने 42 पन्नों का आदेश जारी किया है. बता दें कि जज रवि कुमार ने ही साल 2022 में वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वीडियोग्राफिक सर्वेक्षण और वुज़ुखाना को सील करने का फैसला दिया था. उन्होंने आगे कहा, “ये अवैध धर्मांतरण कुछ चरमपंथी व्यक्तियों द्वारा किए जाते हैं जो या तो ऐसी गतिविधियों में शामिल होते हैं या उनका समर्थन करते हैं. हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये कार्य पूरे धार्मिक समुदाय को प्रतिबिंबित नहीं करते हैं. ‘लव जिहाद’ की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण शामिल हैं वित्तीय संसाधन, और इस मामले में, यह संभावना है कि विदेशी फंडिंग शामिल है.”

लव जिहाद को किया परिभाषित
कोर्ट ने माना है कि इसे पाकिस्तान, बांग्लादेश की तरह भारत देश को अस्थिर करने की साजिश और देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता के लिए खतरा बताया है. कोर्ट ने अपने फैसले में लव जिहाद को भी परिभाषित किया है. फैसले में लव जिहाद को परिभाषित करते हुए कोर्ट ने कहा, ‘यह प्रकरण लव जिहाद के जरिए अवैध धर्मांतरण का है. ऐसे में सबसे पहले यह जानना भी जरूरी है कि लव जिहाद क्या है? लव जिहाद में समुदाय विशेष के पुरुष शादी के माध्यम से अपने धर्म में परिवर्तन कराने के लिए व्यवस्थित रूप से दूसरे समुदाय की महिलाओं को निशाना बनाते हैं. समुदाय विशेष के ये लोग इन महिलाओं को धर्मांतरण कराने के लिए प्यार का दिखावा करके धोखे से शादी कर लेते हैं. इस केस में भी अभियुक्त मोहम्मद आलिम ने अपना नाम आनंद बताकर पीड़िता को धोखे में रखकर हिंदू रीति रिवाज से शादी कर उसके साथ रेप किया. फिर उसकी फोटो व वीडियो बनाकर बदनाम करने की धमकी देकर कई बार बलात्कार किया.’

 साल 2022 में आरोपी की लड़की से हुई थी दोस्ती
मामला मई 2023 में सामने आया जब युवती ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें कहा गया कि 23 वर्षीय आरोपी मोहम्मद आलिम अहमद ने 2022 में बरेली में एक कोचिंग क्लास में मिलने पर शुरू में खुद का नाम आनंद कुमार बताया था. 13 मार्च, 2022 को एक मंदिर में शादी की, लेकिन महिला को बाद में उसकी असली पहचान का पता चला और उसने दावा किया कि उसे शादी के लिए गुमराह किया गया था. आलिम पर आईपीसी की धारा 376-2एन के तहत बलात्कार, धारा 506 के तहत आपराधिक धमकी और धारा 323 के तहत स्वेच्छा से चोट पहुंचाने सहित कई अपराधों का आरोप लगाया गया था. उसके पिता, मोहम्मद साबिर पर भी धारा 504 के तहत आपराधिक धमकी का आरोप लगाया गया और दो साल जेल की सजा सुनाई गई.

महिला ने कोर्ट में बदला बयान
महिला ने 31 जुलाई 2024 को आरोपी के खिलाफ बयान दिया था. लेकिन उसके बाद वह कोर्ट में पेश नहीं हुई. वारंट जारी होने के बाद उसे इस साल 19 सितंबर को अदालत में पेश किया गया लेकिन उसने आलिम के पक्ष में अपना बयान बदल दिया. अदालत ने “यह मानते हुए कि वह आरोपी से प्रभावित थी” उसके अद्यतन बयान को स्वीकार करने से इनकार कर दिया.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!