
अबतक इंडिया न्यूज 6 अक्टूबत । टोंक पोक्सो कोर्ट ने मदरसे के पूर्व व्यवस्थापक फिरोज अख्तर को नाबालिग छात्राओं के साथ अश्लील हरकतें और छेड़खानी करने के मामले में दोषी ठहराया है. कोर्ट ने उन्हें 5 वर्ष के कठोर कारावास और 60,000 रुपये के अर्थ दंड की सजा सुनाई है. यह मामला लगभग दो साल पुराना है, जब निवाई थाने में 5 जून 2022 को एफआईआर दर्ज की गई थी.
कोर्ट ने इस मामले में एक भावनात्मक टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर मदरसों और स्कूलों में छात्राएं खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करेंगी, तो वे कहां जाएंगी? अभियुक्त ने नाबालिग छात्राओं को टॉफी और चॉकलेट का लालच देकर इस अपराध को अंजाम दिया था, जो उसकी उम्र से भी बड़ा था. इसलिए, अभियुक्त को अधिकतम सजा दी गई है.
पोक्सो कोर्ट के विशिष्ट लोक अभियोजक मुहम्मद मियां गुलजार ने बताया कि निवाई पुलिस ने 5 मई 2023 को कोर्ट में चालान पेश किया था. कोर्ट में अभियोजन पक्ष की ओर से 10 गवाहों के बयान दर्ज किए गए और 25 दस्तावेज पेश किए गए. इस फैसले से यह स्पष्ट होता है कि न्याय व्यवस्था अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है.