
अबतक इंडिया न्यूज बीकानेर 19 सितंबर । श्री महर्षि गौतम शैक्षणिक ट्रस्ट में अध्यक्ष पद को लेकर संघर्ष चरम पर है। दो गुटों की इस लड़ाई में ट्रस्ट के गठन का मूल उद्देश्य व आवश्यक कार्य अटक से गए है। समाज में शिक्षा की अलख जगाने व आर्थिक स्तर पर कमजोर स्वजातीय प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के भविष्य को निखारने का कार्य तो अब मुंगेरीलाल के हसीन स्वप्न की तरह हो गया है।
ट्रस्ट में पद को लेकर मचे घमासान को देखकर पूरा समाज विचलित है। खासकर वो सामाजिक सज्जन जिन्होंने समाज के शैक्षणिक स्तर के सुधार के लिए अपना आर्थिक सहयोग दिया। ट्रस्ट में सामाजिक व शैक्षणिक कार्य जहां आम सहमति से होने चाहिए वहां ट्रस्ट अब वर्चस्व की लड़ाई का अखाड़ा बन गया है। सामाजिक भाईचारा,एकता व सौहार्द अब कानूनी व विभागीय दांवपेंच में उलझ गया है। सामाजिक आर्थिक सहयोग से संचालित ट्रस्ट में चल रहे वर्चस्व का संघर्ष समाज के बच्चों के उज्वल भविष्य की राह में रोड़ा बन गया है।
ऐसी सामाजिक संस्थाए अगर पद लोलुपियों की निजी वर्चस्व के संघर्ष में सिमट जायेगी तो फिर संस्था गठन महान उद्देश्य कैसे सफल होगा ? क्या पद के सामने ट्रस्ट गठन का महान उद्देश्य गौण है.?
ट्रस्टी व समाज सेवी मनीष जाजड़ा बीठनोक ने अबतक इंडिया न्यूज से विशेष वार्ता में गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि शैक्षणिक ट्रस्ट जैसी संस्थाओं में ऐसा सत्ता संघर्ष , वर्चस्व की निम्न स्तरीय प्रतिस्पर्धा व पद लोलुपता शर्मनाक है। ऐसी हरकतों से शैक्षणिक विकास के लिए आर्थिक सहयोग करनेवाले सामाजिक सज्जन हताश है। पद के वर्चस्व की आपसी खींचतान व संघर्ष पर शीघ्र विराम नही लगा तो इसके दुष्परिणाम समाज के उन विद्यार्थियों को भुगतना पड़ेगा जिनका इससे दूर-दूर तक कोई लेना देना नही है। पूरे प्रकरण का आपसी सौहार्द के साथ व उच्चस्तरीय सामाजिक विचारधारा के साथ ट्रस्ट के पटल पर अति शीघ्र शांतिपूर्ण निपटारा होना चाहिए।