
अबतक इंडिया न्यूज 26 सितंबर । राजस्थान के ब्यावर जिले में निकटवर्ती ग्राम ब्यावरखास स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में विगत दिनों स्कूल की दो शिक्षिकाओं द्वारा स्कूल में नमाज पढ़ने के प्रकरण में शिक्षा विभाग ने एक शिक्षिका को निलबिंत कर दिया है. जबकि दूसरी शिक्षिका के निलंबन हेतु उच्चाधिकारियों को सिफारिश की गई है.
निलंबित शिक्षिका का निलबंन कार्यकाल में मुख्यालय जवाजा सीबीईओ आफिस किया गया है। निलंबित की गई तृतीय श्रेणी अध्यापिका असमा परवीन है, जबकि जिस अध्यापिका के निलंबन की कार्रवाई हेतु उच्चाधिकारियों को लिखा गया है. वह द्वितीय श्रेणी अध्यापिका शगुफ्फता है. मामले को लेकर विगत दिनों ब्यावरखास के ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों के साथ आंदोलन करते हुए स्कूल में तालाबंदी की थी.
ग्रामीणों ने इसको लेकर शिक्षा मंत्री राजस्थान को भी लिखित शिकायत दी थी. ग्रामीणों का आरोप था कि स्कूल में खोले गए उर्दू विषय के लिए स्कूल में लगाई गई. दोनों शिक्षिकाएं असमा परवीन तथा शगुफता स्कूल समय में ही स्कूल में नमाज अदा करती थी तथा इस हेतु स्कूल की बच्चियों को भी प्रेरित करती थी.
ग्रामीणों द्वारा किए गए आंदोलन तथा शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए डीईओ ब्यावर अजय कुमार गुप्ता ने अतीतमंड स्कूल की प्रधानाचार्य विमला चौहान और गणेशपुरा स्कूल के प्रधानाचार्य सुनील व्यास की कमेटी बनाकर जांच हेतु भेजा. जांच के दौरान कमेटी सदस्यों ने जनप्रतिनिधियों अन्य अध्यापकों तथा स्कूल के बच्चों के बयान दर्ज किए.
जांच रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई कि दोनों शिक्षिकाएं स्कूल परिसर में स्कूल में अध्ययन करने के समय में ही नमाज पढ़ती थीं. इसके अलावा विद्यार्थियों को नमाज पढऩे के लिए उकसाती थीं. जिसपर शिक्षिका असमा परवीन को दोषी मानते हुए निलंबित किया गया है. वहीं शिक्षिका शगुफ्फता पर कार्रवाई मामला संयुक्त निदेशक अजमेर को कार्रवाई के लिए भिजवाया गया है.
मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी अजय कुमार गुप्ता ने बताया कि प्रकरण को लेकर कमेटी द्वारा जांच करवाई गई थी. जांच में ग्रामीणों के आरोपों की पुष्टि होने के बाद तृतीय श्रेणी अध्यापिका असमा परवीन को निलंबित करते हुए उसका मुखयालय जवाजा कर दिया गया है, जबकि द्वितीय श्रेणी अध्यापिका शगुफता की निलंबन कार्यवाहीं के लिए उच्चाधिकारियों को लिखा गया है.