मौत के साये में पढ़ने को मजबूर देशनोक बालिका विद्यालय की बेटियां,आखिर कब चेतेगी सरकार .. ?

अबतक इंडिया न्यूज 20 सितंबर देशनोक । राजकीय बालिका उमावि देशनोक की दीवार शुक्रवार को अपरान्ह तीन बजे भरभराकर ढह गई।दीवार गिरने के धमाके से एकबारगी विद्यालय परिसर में भय का माहौल हो गया।विद्यालय दीवार प्रमुख सड़क की ओर गिरी लेकिन गनीमत रही कोई जनहानि नही हुई।बड़ा हादसा होते होते टल गया।विद्यालय प्रशासन ने तत्काल स्थानीय प्रशासन व विभाग के अधिकारियों को सूचित किया है।जल्द ही स्थानीय प्रशासन द्वारा प्रमुख सड़क से मलबा हटाकर यातायात सुचारू करने का कार्य आरंभ किया गया ।
विद्यालय भवन की जर्जर हालत लंबे समय से है जिसकी सूचना स्थानीय नागरिक व स्कूल प्रशासन द्वारा कईबार जिला प्रशासन व क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को दी जा चुकी है।अबतक मामला केवल आश्वासन तक ही सिमटा हुआ है।
दूसरी ओर आवश्यकतानुसार भूमि की उपलब्धता होने पर भामाशाह नवीन विद्यालय भवन निर्माण में पूर्ण सहयोग के लिए तैयार है।परंतु श्रेय लेने की ओछी स्थानीय राजनीतिक होड़ के कारण कईबार मामला अटक गया।हालांकि विद्यालय का शैक्षणिक स्तर व परीक्षा परिणाम बेहद उम्दा है । संख्याबल के लिहाज से भी विद्यालय जिलेभर में अपना एक बेहद महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
‘ बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ ‘ के नारे बुलंद करनेवाली सरकार भी इस हालत पर क्यों उदासीन है ,यह समझ से परे है।देशनोक पालिकाक्षेत्र में नवीन अत्याधुनिक बालिका विद्यालय भवन निर्माण हेतु सरकारी भूमि का भी कोई अभाव नही है ।और तो और भवन निर्माण करवाने के लिए भामाशाह भी संवेदनशीलता व गंभीरता के साथ तैयार है। फिर भी देशनोक बालिका विद्यालय की बेटियां मौत के साये में पढ़ने पर मजबूर है । आखिर कब तक ?