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बड़ा ब्राह्मण चेहरा, 5 बार विधायक, कभी रामबिलास शर्मा की वजह से BJP को मिली थी सत्ता, अब टिकट भी काटा

अबतक इंडिया न्यूज 12 सितंबर हरियाणा । हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी  ने अपने सभी उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है. अब गुरुवार को नामांकन  का आखिरी दिन है. ऐसे में पार्टी ने अपने दो बार के प्रदेशाध्यक्ष रहे रामबिलास शर्मा का टिकट काट दिया है. हालांकि, उन्हें उम्मीद थी कि भाजपा की तरफ से उन्हें टिकट मिलेगा और इसी के चलते उन्होंने नामांकन भी दाखिल किया था. लेकिन अंतिम लिस्ट में उनका नाम नहीं था और उन्हें बड़ा झटका लगा है. वहीं, टिकट से पहले भाजपा नेता राव इंद्रजीत सिंह ने भी रामबिलास शर्मा से मुलाकात की और कहा कि पार्टी उन्हें बेइज्जत तो ना करे.

दरअसल रामबिलास शर्मा अब चुनाव नहीं लड़ेंगे. इससे पहले बुधवार को रामबिलास शर्मा ने नामांकन दाखिल किया था और शक्तिप्रदर्शन किया था. महेंद्रगढ़ सीट पर टिकट चाह रहे रामबिलास शर्मा के बदले पूर्व जिलाध्यक्ष कंवर सिंह यादव को टिकट दिया गया है. गुरुवार को अपने समर्थको के साथ मीटिंग के बाद रामबिलास शर्मा ने चुनाव ना लड़ने का फैसला कि. और कहा कि वह पार्टी के फैसले को सिर झुका कर कबूल करते हैं. गुरुवार को अपने निवास पर कार्यकर्ताओ की मीटिंग में उन्होंने कहा कि कहा कि कार्यकर्ता रोष में आ गए हैं. इस दौरान वह भावुक हो गए और भावुक होते ही उन्होंने अपनी कसम देकर कार्यकर्ताओ से पार्टी के फैसले को मानने की अपील की.

इससे पहले, बुधवार को पार्टी के दिग्गज नेता और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत रामबिलास शर्मा के नामांकन में पहुंचे थे और इस दौरान सभा को संबोधित करते हुए राव इंद्रजीत सिंह कहा कि भाजपा में रामबिलास शर्मा के नाम के आगे सब बौने हैं. हाथी के पैर में सबका पैर है और हरियाणा में भाजपा का झंडा बुलंद करने वाला रामबिलास शर्मा ही हैं. राव ने पार्टी को नसीहत देते हुए कहा कि पार्टी टिकट किसी को भी दे, लेकिन बेइज्जत करने का अधिकार किसी का नहीं है. रामबिलास शर्मा को टिकट के लिए मना करना था तो पहले दूध का दूध और पानी का पानी कर देते. एक पुलिस केस का बहाना बना कर टिकट काटने की कोशिश की जा रही है. भाजपा, घाव पर नमक छिड़कने के अलावा और कुछ नहीं कर रही है. पार्टी टिकट काटती है तो पूरे हरियाणा को बट्टा लगेगा. ऐसे में रामबिलास के साथ मेरी सहानुभूति रहेगी.

पांच बार के विधायक, 2014 में चेहरा था

गौरतलब है कि हरियाणा में इनेलो सरकार के बाद 2004 से लेकर 2014 तक कांग्रेस की सरकार थी. एक तरह यहां पर भाजपा अपने दम पर कभी सरकार नहीं बनाई पाई है. 2014 में भाजपा ने अपने दम पर चुनाव लड़ा तो राम बिलास शर्मा पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष थे. लेकिन भाजपा हाईकमान ने शर्मा को सीएम नहीं बनाया और फिर मनोहर लाल खट्टर को कमान सौंपी. रामबिलास शर्मा खट्टर सरकार में शिक्षामंत्री बने. लेकिन 2019 का चुनाव वह हार गए और इसके बाद लगातार वह हाशिये पर चले गए. इस बार भी शर्मा महेंद्रगढ़ सीट से लड़ना चाहते थे, लेकिन उनकी टिकट कट गई,, बीते 2019 के चुनाव में वह कांग्रेस के कांग्रेस के राव दान सिंह से हार गए थे. रामबिलास शर्मा ने पहली बार महेंद्रगढ़ विधानसभा सीट से साल 1982 में जीत हासिल की थी. इसके  बाद  1987, 1991, 1996 और फिर 2014 में जीते थे. वह दोबार भाजपा प्रदेशाध्यक्ष भी रहे हैं.

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