
अबतक इंडिया न्यूज 27 अगस्त कोलकाता । लोहे की दीवारें, चप्पे-चप्पे पर बैरिकेडिंग, सड़कों पर कंटीली तारें और पुलिस का पहरा… यह कोई युद्ध का नजारा नहीं है. यह पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता का हाल है. वह भी उस जगह का, जहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का दफ्तर है. जी हां, आज कोलकाता की सड़कों पर छात्रों का सैलाब उमड़ पड़ा है. आरजी कर कांड के मद्देनजर छात्रों के नबन्ना भवन मार्च से ममता बनर्जी की नींद उड़ गई. यही वजह है कि नबन्ना भवन मार्च को रोकने के लिए ममता बनर्जी की पुलिस ने चप्पे-चप्पे पर जवानों की तैनाती कर दी है. किसी तरह छात्रों का मार्च नबान्नो भवन तक नहीं पहुंचे, इसके लिए ममता सरकार की पुलिस एड़ी-चोटी का जोर लगा चुकी है. ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग को लेकर आज छात्रों ने कोलकाता में नबन्ना भवन के घेराव का ऐलान किया है.
हावड़े से कोलकाता तक जंग का मैदान
दरअसल, नबन्ना अभियान के तहत शहर भर के छात्र आज सड़क पर उतर रहे हैं और नबन्ना भवन का घेराव कर रहे हैं. कोलकाता में छात्रों का मार्च जारी है और नबन्ना भवन की ओर अग्रसर है. मगर वहां तक पहुंचना इन छात्रों के लिए इतना आसान नहीं है. ममता बनर्जी की पुलिस ने छात्रों को रोकने के लिए नबन्ना भवन को किले में तब्दील कर दिया है. पूरा इलाका छावनी में तब्दील है. कोलकाता से हावड़ा तक 6 हजार जवानों की तैनाती की गई है. साथ ही सड़कों पर कोलकाता से हावड़ा तक पुलिस की ओर से 19 जगह बैरिकेडिंग की गई है. बता दें कि ये छात्र सीएम कार्यालय तक विरोध-मार्च कर रहे हैं.
कोलकाता में चप्पे-चप्पे पर बैरिकेडिंग
अभी कोलकाता में आरजी कर अस्पताल में लेडी डॉक्टर से रेप-मर्डर कांड पर छात्रों का आक्रोश सातवें आसमान पर है. ममता के खिलाफ गुस्सा दिख रहा है. ये सभी छात्र इंसाफ के लिए सड़कों पर उतरे हैं. कोलकाता से हावड़ा तक दो रास्तों से मार्च जारी है. पहला मार्च सांतरागाछी से नबान्नो और दूसरा मार्च कॉलेज स्क्वायर से नबान्नो तक है. मगर कंटेनर और लोहे की जालियों से रास्तों को बंद कर दिया गया है. पुलिस ने चप्पे-चप्पे पर कंटेनर के साथ बैरिकेड लगाया है. इतना ही नहीं, बैरिकेड की ग्रीसिंग भी की जा रही है. पुलिस की कोशिश है कि ये छात्र सीएम कार्यालय तक नहीं पहुंच पाएं. हाल के सालों में देखें तो ममता सरकार के खिलाफ यह बड़ा प्रदर्शन है.
‘अगर देश में कोई तानाशाह है, तो वो तानाशाह ममता बनर्जी हैं’-भाटिया
नबन्ना में छात्रों की रैली रोकने को लेकर बीजेपी ने ममता सरकार पर हमला बोला है. बीजेपी के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा, “अगर देश में कोई तानाशाह है, तो वो तानाशाह ममता बनर्जी हैं. सच सामने आना चाहिए, जांच एजेंसी सीबीआई को ममता बनर्जी और पुलिस कमिश्नर का पॉलीग्राफ टेस्ट करना चाहिए. सच को दबाया नहीं जा सकता और सबसे बड़ी बात ये है कि जब तक ये लोग अपने पदों पर हैं और छात्रों को कुचल रहे हैं, संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं, ये बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया जाएगा जैसा कि आज उठाया गया है.”
आखिर सड़क पर क्यों उतरे छात्र?
पुलिस ने तो हावड़ा ब्रिज पर भी बैरिकेडिंग कर दी है. छात्रों का कहना है कि वे शांतिपूर्ण मार्च कर रहे हैं और अपनी बात सीएम तक पहुंचाना चाहते हैं. ये सभी कोलकाता रेप-मर्डर कांड में न्याय की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि ये कोलकाता की एक बेटी का मसला नहीं, पश्चिम बंगाल के हर नागरिक की सुरक्षा का मुद्दा है. प्रदर्शन में छात्रों की बड़ी संख्या दिख रही है. कुछ जगहों पर पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज भी की है. ‘पश्चिमबंगा छात्र समाज’ नामक संगठन के आह्वान पर आज का नबन्ना अभियान है. बहरहाल, इस नबन्ना अभियान को पुलिस ने इजाजत नहीं दी है. ममता सरकार का आरोप है कि इस अभियान में हिंसा की साजिश रची गई है.
राज्यपाल ने सरकार को याद दिलाया सुप्रीम कोर्ट का फैसला
दूसरी ओर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा, “पश्चिम बंगाल के छात्र समुदाय की ओर से घोषित शांतिपूर्ण विरोध को सरकार के कुछ निर्देशों के जरिये दमन करने की रिपोर्ट काफी चिंताजनक है. मैं सरकार से भारत के सर्वोच्च न्यायालय के कड़े फैसले को याद रखने का आग्रह करूंगा, जिसमें अदालत ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन और शक्ति के दुरुपयोग न होने देने की अपील की थी. साथ ही यह भी याद दिलाया है कि लोकतंत्र में मौन बहुमत हो सकता है, खामोश बहुमत नहीं.”