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जम्मू-कश्मीर चुनाव को लेकर कांग्रेस का एक्शन प्लान,राहुल गांधी ने खोले पत्ते

अबतक इंडिया न्यूज 22 अगस्त । लोकसभा चुनावों में अपने बागी निर्दलीय सांसद के सहयोग से संसद में ‘सैकड़ा’ पूरा करने वाली कांग्रेस के नेता राहुल गांधी का कॉन्फिडेंस हाई है. पीएम मोदी की अगुवाई में बीजेपी के पूर्ण बहुमत वाला ‘विजय रथ’ रोकने के 10 साल बाद कांग्रेस हर जगह अपना खोया जनाधार वापस पाने के लिए लड़ रही है. राहुल गांधी अपने आक्रामक चुनाव प्रचार में पार्टी के फेवर में सियासी माहौल बनाकर अपना एजेंडा सेट कर रहे हैं. इसी कड़ी में राहुल गांधी कांग्रेस मुक्त भारत का सपने देखने वाले बीजेपी के नेताओं को हरियाणा से लेकर जम्मू-कश्मीर तक घेरकर लगातार हमलावर हैं.

राहुल गांधी ने खोले पत्ते   

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करना कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (‘इंडिया’) की प्राथमिकता है. लोकसभा मेंं लीडर ऑफ अपोजिशन और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने ये भी कहा कि यह उनकी पार्टी का लक्ष्य है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों को उनके लोकतांत्रिक अधिकार वापस मिलें. उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘कांग्रेस और ‘इंडिया’ की प्राथमिकता है कि जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल किया जाए.’

कश्मीर… राहुल गांधी और कांग्रेस की कशिश…

हमें उम्मीद थी कि चुनाव से पहले ऐसा कर दिया जाएगा, लेकिन चुनाव घोषित हो गए. हम उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द से जल्द पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा और जम्मू-कश्मीर के लोगों के अधिकार (लोकतांत्रिक अधिकार) बहाल किए जाएंगे.’’ उन्होंने कहा कि आजादी के बाद यह पहली बार है कि कोई राज्य केंद्र शासित प्रदेश बन गया है. राहुल गांधी ने कहा, ‘‘ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है. केंद्र शासित प्रदेश राज्य बन गए, लेकिन यह पहली बार है कि कोई राज्य केंद्र शासित प्रदेश बन गया है. इसलिए, हमने अपने (लोकसभा चुनाव के) घोषणापत्र में भी स्पष्ट किया था कि यह हमारी प्राथमिकता है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों को उनके लोकतांत्रिक अधिकार वापस मिलें.’

‘नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान’

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी विधानसभा चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने के लिए जम्मू-कश्मीर के दौरे पर हैं. राहुल गांधी ने कहा कि उनका यहां आना सौभाग्य की बात है और जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ उनका गहरा रिश्ता है. उन्होंने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए मेरा संदेश है कि कांग्रेस पार्टी हमेशा आपके साथ है. हम समझते हैं कि आप बहुत कठिन दौर से गुजर रहे हैं. हम कठिन दौर और हिंसा खत्म करना चाहते हैं. जैसा कि मैंने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में कहा था- हम सम्मान और भाईचारे के साथ ‘नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान’ खोलना चाहते हैं.’

कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने जम्मू कश्मीर के आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अन्य विपक्षी दलों के साथ गठबंधन करने की बृहस्पतिवार को इच्छा जतायी और केंद्र शासित प्रदेश के लोगों से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वादों को ‘जुमला’ करार दिया. खरगे ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के साथ बृहस्पतिवार को यहां कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं से विधानसभा चुनावों की जमीनी स्तर की तैयारियों के बारे में ‘फीडबैक’ लिया.

खरगे ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘चुनाव की घोषणा के बाद यह पहली बैठक थी… हम यहां चुनाव और गठबंधन के लिए स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं की राय जानने के लिए आए हैं. राहुल गांधी के नेतृत्व में हमने जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की पहल की है. हम इस दिशा में काम करने का वादा करते हैं.’ उन्होंने कहा कि गांधी की जम्मू कश्मीर में चुनाव पूर्व गठबंधन बनाने में रुचि है. खरगे ने कहा, “राहुल गांधी अन्य पार्टियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं. ‘इंडिया’ गठबंधन ने एक तानाशाह को पूर्ण बहुमत के साथ (केंद्र में) सत्ता में आने से रोका.’

कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कहा कि भाजपा लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद चिंतित है, क्योंकि वे जिन विधेयकों को पारित कराना चाहते थे, उनमें से कुछ को या तो वापस ले लिया गया है या संयुक्त संसदीय समिति को भेज दिया गया है. खरगे ने दावा किया कि भाजपा अपने बहुमत का फायदा उठाकर कृषि कानून जैसे कानून पारित करती है. जम्मू कश्मीर के बारे में उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले भाजपा द्वारा किया गया एक भी वादा पूरा नहीं किया गया है. खरगे ने कहा, “चुनाव से पहले जम्मू कश्मीर के लोगों से किया गया एक भी वादा पूरा नहीं किया गया है. वे सभी जुमला हैं.”

तीन चरण में चुनाव

जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीट पर तीन चरण… 18 सितंबर, 25 सितंबर और एक अक्टूबर को चुनाव कराए जाएंगे. चार जून को मतगणना होगी. साल 2019 में अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में पहली बार विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं.

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