हाथ में टैब, साथ में उम्मीदों का पिटारा… संसद पहुंची निर्मला सीतारमण

अबतक इंडिया न्यूज 23 जुलाई । वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आम बजट 2024-25 का दिन आ गया है. आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश की संसद में सुबह 11 बजे भारत सरकार का बजट पेश करेंगी और अपने बजट पिटारे से जनता को सौगात देंगी. वित्त मंत्री ने मानसून सत्र के पहले दिन सोमवार को आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया था. आर्थिक सर्वेक्षण में सरकार ने कहा है कि वित्त वर्ष 2024-25 में देश की जीडीपी 6.5-7 फीसदी के बीच रहने का अनुमान है.
आम जनता की पुकार, बजट में टैक्स का बोझ घटाए सरकार
लोकसभा में सरकार इस बात को बता चुकी है कि पिछले 10 साल के दौरान देश का आंतरिक कर्ज बढ़ा है. देश का आंतरिक कर्ज का आंकड़ा अब जीडीपी के 55 फीसदी के भी पार निकल गया है जो 2013-14 में 48.8 फीसदी पर था. सरकार का ही आंकड़ा है जिससे पता चलता है कि देश के कुल डायरेक्ट टैक्स में सैलरीड क्लास का हिस्सा कॉरपोरेट से आने वाले हिस्से से ज्यादा है. साफ है कि सैलरीड क्लास या मिडिल क्लास पर टैक्स का तगड़ा बोझ है जिसे कम करने के लिए लोगों के सब्र की इंतेहा होती दिख रही है. वित्त मंत्री या तो टैक्स स्लैब में बदलाव करें या टैक्स की दरों को घटाएं- आम जनता की यही पुकार है.
नौकरी, जॉब, रोजगार का सवाल-वित्त मंत्री देंगी क्या जवाब?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जब से देश की वित्त मंत्री का जिम्मा संभाला है, उनके सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से रोजगार का सवाल अहम है. देश के युवाओं को नौकरी और रोजगार की जरूरत है और इसके लिए वो लंबे समय से उम्मीदें लगाए बैठे हैं. भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में कह चुके हैं कि केंद्र की एनडीए सरकार के 10 सालों के दौरान देश में रोजगार बढ़ा है लेकिन ये काफी नहीं लग रहा है. भारत की बेरोजगारी दर एक ऐसा विषय है जिसे ज्वलंत मुद्दा कहा जा सकता है क्योंकि हर तरफ नौकरियों के लिए मारामारी है. वित्त मंत्री इस चैलेंज को पार करने के लिए कौनसी जादू की छड़ी घुमाती हैं, इस पर सबका ध्यान है.
सीतारमण ने राष्ट्रपति से ली बजट पेश करने की मंजूरी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राष्ट्रपति भवन में अपनी टीम के साथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और उन्हें बजट की कॉपी सौंपी. वित्त मंत्री ने बजट पेश करने की मंजूरी भी राष्ट्रपति से ली. इस दौरान राष्ट्रपति मूर्मू ने निर्मला सीतारमण को दही-चीनी खिलाया.
बजट से क्या उम्मीदें?
- कर व्यवस्था का सरलीकरण: करदाता कर ढांचे के और सरलीकरण की उम्मीद कर रहे हैं ताकि अनुपालन बोझ कम हो सके.
- मध्यम वर्ग पर ध्यान: सरकार से कर राहत प्रदान करके और प्रयोज्य आय को बढ़ाकर मध्यम वर्ग की चिंताओं को दूर करने की उम्मीद है.
- बचत और निवेश को प्रोत्साहित करना: कर प्रोत्साहन के माध्यम से बचत और निवेश को बढ़ावा देने के उपायों की उम्मीद है.