मोदी सरकार का बड़ा फैसला,पूर्व अग्निवीरों को केंद्रीय बलों में मिलेगा 10 फीसदी आरक्षण, फिजिकल में छूट
अबतक इंडिया न्यूज 11 जुलाई । पिछले कुछ समय से अग्निवीर योजना को लेकर देशभर में कई तरह की बहस छिड़ी हुई है. इसी बीच केंद्र की मोदी सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए पूर्व अग्निवीरों को केंद्रीय बलों में 10 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा की है. यह कदम उन युवाओं को राहत देगा जिन्होंने ‘अग्निपथ’ योजना के तहत चार साल तक सेना में सेवा दी है.
फिजिकल में भी छूट
असल में यह आरक्षण केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) और भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) सहित सभी केंद्रीय बलों में लागू होगा. साथ ही शारीरिक परीक्षणों में भी यानि कि फिजिकल में भी उन्हें छूट दी जाएगी.
केंद्रीय बलों में शामिल होने का अवसर
इस योजना के तहत, अग्निपथ योजना के तहत सेवा पूरी करने वाले पूर्व सैनिकों को भर्ती के माध्यम से केंद्रीय बलों में शामिल होने का अवसर मिलेगा. इसके लिए उन्हें शारीरिक दक्षता परीक्षा (पीईटी) और लिखित परीक्षा (एमईई) या अन्य जरूरी दक्षताएं पूरी करनी होंगी.
सीआईएसएफ की महानिदेशक नीना सिंह ने फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि भर्तियों में फिजिकल और आयु में भी पूर्व अग्निवीरों को छूट दी जाएगी. पहले साल में भर्ती के दौरान अग्निवीरों को आयु में पांच साल की छूट दी जाएगी. इसके बाद अगले साल की भर्ती के दौरान आयु में तीन साल की छूट मिलेगी. इस तरह से सीआईएसएफ को भी पूर्व प्रशिक्षित सैन्य कर्मी मिल सकेंगे.
वहीं सीमा सुरक्षा बल बीएसएफ के महानिदेशक नितिन अग्रवाल ने बताया कि कहा अग्निवीरों को चार साल का अनुभव मिला है. वे पूरी तरह से अनुशासित और प्रशिक्षित कर्मी हैं. यह बीएसएफ के लिए बहुत अच्छा है क्योंकि हमें प्रशिक्षित सैनिक मिल रहे हैं. ऐसे में संक्षिप्त प्रशिक्षण के बाद, उन्हें सीमा पर तैनात किया जाएगा.
2022 में शुरू की गई थी स्कीम
14 जून 2022 को घोषित अग्निपथ योजना में 17 से 21 साल की उम्र के युवाओं को केवल चार सालों के लिए भर्ती करने का प्रावधान है, जिसमें 25 प्रतिशत अग्निवीरों को अगले 15 सालों तक बनाए रखने का भी प्रावधान है. सरकार ने उसके बाद में ऊपरी आयु सीमा को बढ़ाकर 23 साल कर दिया. योजना के तहत पूर्व अग्निवीरों के पहले बैच के लिए अपर एज लिमिट में 5 साल की छूट दी गई थी और बाद के बैचों के लिए तीन साल की छूट दी गई.