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गौ वंश के हक के “सेस कर” को लेकर DM को सौंपा CM के नाम ज्ञापन गोवंश के हक़ की राशि सेस कर अन्य मदों में खर्च करने से बचे राजस्थान सरकार* – सूरजमालसिंह नीमराना

अबतक इंडिया न्यूज 26 जुलाई । बुधवार को गो ग्राम सेवा संघ राजस्थान के राज्यव्यापी आह्वान पर गोवंश के लिए, गौशालाओं के लिए, गो-अधिकारों को लेकर जिला कलेक्टर बीकानेर के माध्यम से मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार व गोपालन मंत्री राजस्थान सरकार को ज्ञापन प्रेषित किया।
प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए संगठन के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष सूरजमल सिंह नीमराना ने राजस्थान सरकार मुख्यमंत्री और गोपालन मंत्रालय को इंगित करते हुए कहा कि राजस्थान की जनता से टैक्स सेस के रूप में 20% राशि पूर्ववर्ती सरकार के समय से ही लिया जा रहा है। इस सेस की राशि का उपयोग सिर्फ़ और सिर्फ़ गौशालाओं की भौतिक संसाधनों के विकास,गोवंश के रख रखाव और संवर्द्धन हेतु तय किया गया था, ताकि गौशालाओं के सफल संचालन और अनुदान में किसी तरह की कोई रुकावट न आए। परंतु पूर्ववर्ती सरकार ने गौशालाओं के निमित्त मिलने वाली इस 20 % प्रतिशत सेस राशि में से 10% राशि का उपयोग सरकार ने विभिन्न योजनाओं में काम में लेकर गोवंश के अधिकारों पर कुठाराघात किया। जिसका उस समय गो ग्राम सेवा संघ राजस्थान के बैनर तले सम्पूर्ण राजस्थान के गोशाला संचालकों ने विरोध किया, तब सरकार ने आश्वस्त किया कि आपदा के कारण ही हम इस 20% राशि का 10 प्रतिशत अन्य मदों में उपयोग कर रहे हैं। शेष 10% सेस राशि का उपयोग सिर्फ़ गौवंश के विकास और अनुदान में ही काम में लिया जाएगा।
परंतु 20% सेस का कलेक्शन गौ सेवा सेस के नाम से लिया जा रहा है। इसलिए इस पूरे सेस का उपयोग गौ सेवा के क्षेत्र में ही होना चाहिए अन्यंतर नहीं ।पूर्ववर्ती सरकार ने गोशालाओं के अनुदान की राशि का अन्य मदों में बदनीयती से उपयोग, उपभोग जारी रखा और गौशालाओं को संपूर्ण राशि ना देकर गौशाला, गोवंश के साथ कुठाराघात किया। जिससे गोशालाओं के संचालन की व्यवस्था में काफी दिक्कतें आयी और सही समय पर अनुदान नहीं मिलने के कारण गौशालाए आर्थिक तंगी का शिकार हो गई।
इसलिए हमारा *वर्तमान सरकार और गोपालन मंत्रालय से गो ग्राम सेवा संघ के माध्यम से विशेष निवेदन है की गौशालाओं को मिलने वाली 20% सेस की सम्पूर्ण राशि सिर्फ़ और सिर्फ़ गोशालाओं के भौतिक संसाधनों के विकास,गोवंश के संरक्षण संवर्द्धन और अनुदान में ही काम में ली जाए। जिससे गौशाला और गोवंश के हितों पर कुठाराघात न हो , साथ ही अनुदान की राशी सही समय पर गोशालाओं को वितरित की जाए जिससे गौशालाओं के संचालन में रुकावट ना पैदा हो।*
*संगठन के सुनील प्यास ने कहा कि हमारी वर्तमान सरकार से यह मांग है कि अभी जुलाई बीतने पर आ गई है लेकिन अभी तक 2024-25 के प्रथम फेज की अनुदान के आवेदन गोपालन मंत्रालय ने जारी नहीं किए है, जो गौशाला संचालकों और गोवंश के लिए बड़ी पीड़ादायक है।*
*आपकी सरकार ने वर्तमान अनुदान में भी 150 दिन के स्थान पर मात्र 75 दिन का अनुदान दिया है, शेष अनुदान कब मिलेगा यह भी भविष्य के गर्भ में है, इसके लिए भी कोई निश्चित तिथि या महा तय नहीं है।*
संगठन के बलदेव दास भादानी ने बताया कि हमारा सरकार से आग्रह है कि तुरंत प्रभाव से अनुदान जारी करके गौशालाओं को संबल दिया जाए और साथ ही 20 प्रतिशत सेस की राशि जो गायों के लिए संरक्षित और आरक्षित है उस राशि का उपयोग सरकार अन्य योजनाओं में करने पर तुरंत रोक लगाए और उस राशि का सम्पूर्ण उपयोग सिर्फ़ गोवंश गौशालाओ के ऊपर ही खर्च किया जाये।
प्रतिनिधिमंडल में प्रेम सिंह घुमान्दा,एडवोकेट जलज सिंह, अनूप गहलोत,चांद वीर सिंह, संगठन के बीकानेर तहसील अध्यक्ष प्रेम गोदारा, भंवरलाल बिश्नोई आदि ने भाग लिया ।