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राजधानी में अवैध बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं को पहचान कर किया जाएगा शहर से बाहर

अबतक इंडिया न्यूज 16 जुलाई । जयपुर शहर में संचालित हटवाड़ों में व्यापार करने वालों और स्ट्रीट वेंडर्स को अब नगर निगम नए सिरे से पहचान करके उनके लाइसेंस जारी करेगा. इसके लिए एक सर्वे करवाया जाएगा, जिसमें इनकी पूरी जांच-पड़ताल होगी. इस सर्वे का मुख्य उदेश्य बांग्लादेश और बर्मा से आए रोहिंग्या और अवैध घुसपैठियों को चिह्नित करके उनको शहर से बाहर करना है.

जयपुर नगर निगम ग्रेटर में आज फुटकर व्यवसाय पुनर्वास समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया. समिति अध्यक्ष अरूण शर्मा ने बताया कि आज स्ट्रीट वेंडर्स स्वरोजगार के माध्यम से सरकार न केवल गरीबों को रोजगार दे रही है, बल्कि इससे उपभोक्ताओं को सस्ते दर पर सामान भी उपलब्ध हो रहा है. जयपुर शहर में हर रोज किसी न किसी एरिया में हटवाड़ा संचालित होता है, जिसमें सैंकड़ों फुटकर व्यापारी आकर अपना व्यापार करते हैं लेकिन शिकायत मिल रही है कि यह हटवाड़े नगर निगम ग्रेटर से बिना अनुमति लिए संचालित हो रही है.

इन हटवाड़ों में बांग्लादेश, बर्मा से आए रोहिंग्या और दूसरे अवैध घुसपैठिए भी व्यापार करने लगे है, जिससे यहां के स्थानीय गरीब लोगों का हक खत्म हो रहा है. समिति ने आज बैठक करते हुए नगर निगम ग्रेटर एरिया में बिना निगम प्रशासन की एनओसी या मंजूरी के हटवाड़े संचालित नहीं करने का फैसला किया. इसके साथ ही इन हटवाड़ों में सर्वे करवाने और साथ ही शहर में स्ट्रीट वेंडर्स (थड़ी-ठेले) वालों का सर्वे करके उनका रिकॉर्ड तैयार करने का निर्णय किया, ताकि इनकी पहचान हो सके और इनका नाम वेंडर्स सूची में शामिल करके इनको लाइसेंस दिए जा सके.

अरुण शर्मा ने बताया कि स्ट्रीट वेंडर्स के रूप में जयपुर में कई अवैध बांग्लादेशियों और रोहिंग्या ने डेरा जमा रखा है. इन लोगों ने शहर के वीआईपी क्षेत्र में सड़क और फुटपाथ पर मनमाने तरीके से कब्जा जमा रखा है ‌. इससे ट्रेफिक जाम तो लगता ही है, साथ ही कई आपराधिक वारदातों में ऐसे लोगों के शामिल होने के कई मामले सामने आते रहते हैं. वही इन लोगों की वजह से स्थानीय वेंडर्स को भी रोजगार के अवसर कम उपलब्ध हो रहे हैं. अब हम बाहरी लोगों की पहचान कर उन्हें यहां से हटाएंगे और उनकी जगह स्थानीय स्ट्रीट वेंडर्स को प्राथमिकता देंगे. साथ ही वेंडर्स के लिए जगह चिह्नित करेंगे, ताकि यातायात जाम की समस्या न रहे.

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