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एसएचओ से निराश रेप पीड़िता ने एसपी से लगाई न्याय की गुहार,छत्तरगढ़ एसएचओ पर लगाए गंभीर आरोप

अबतक इंडिया न्यूज 28 जुलाई बीकानेर । राजस्थान में महिला अत्याचार में बीकानेर दूसरे पायदान पर है।बीकानेर रेंज आईजी ओमप्रकाश अपराध पर लगाम कसने का हर मुमकिन प्रयास कर रहे है।आईजी महिला अत्याचार प्रकरणों को लेकर मीडिया के सामने खासे गंभीर नजर आ रहे है।लेकिन कईबार उनके ही रेंज के एसएचओ उन्हीं के प्रयासों व निर्देशों की धज्जियां उड़ाते नजर आते है।

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     ताजा मामला छत्तरगढ़ थाने का सामने आया है। मामले में रेप पीड़ित महिला का दर्द सामने आया है।रेप पीड़िता छत्तरगढ़ थाने में अपने साथ हुई मानवता को कलंकित करने वाली दरिंदगी की शिकायत लेकर गई।लेकिन 4 दिन तक थाने चक्कर काटती रही।एसएचओ संदीप कुमार पर मामला दर्ज नहीं करने का आरोप लगा है।हद तो तब हो गई जब रेप पीड़िता पर राजीनामे का दवाब बनाने की बात सामने आई।मामला जब मीडिया में उजागर हुआ एवं सुर्खियां बना तब रेप प्रकरण दर्ज किया गया। मामला दर्ज तो हुआ लेकिन फिर राजीनामे का हर संभव प्रयास शुरू हो गए।
       आखिरकार पीड़िता को बीकानेर पुलिस की मुखिया के दरबार मे गुहार लगानी पड़ी।उम्मीद की किरण दिखी कि महिला ही महिला दर्द समझ सकती है।

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    रेप पीड़िता को जब मीडिया कैमरे के सामने दर्द बयां करने का मौका मिला तो अपनी पीड़ा बयान कर दी।पीड़िता ने बताया कि वीरपाल पुत्र मुसीराम बावरी निवासी बिरधवाल तहसील सूरतगढ़ ने पीड़ित महिला को 4 माह तक एक खेत मे उससे दुष्कर्म किया गया।आरोपी की हवस की दरिंदगी यही नही खत्म हुई।पीड़िता को अपने घर ले आया और दस दिन तक महिला की अस्मत से जबरन खेलता रहा।पीड़िता का आरोप है कि आरोपी के पिता,भाई व मां ने भी उसके साथ मारपीट की।इन सब ने मिलकर पीड़िता से उसका स्त्री धन के पहने हुए जेवर छीनकर  धक्के मारकर घर से निकाल दिया।
     जब पीड़ित महिला 22 जुलाई को छत्तरगढ़ थाने पहुंचकर फरियाद की तो यहां उसे कोई राहत नहीं मिली।पीड़िता का कहना है कि एसएचओ संदीप कुमार व पुलिस कर्मी गजेंद्र सिंह चारण ने पैसे का लालच देकर राजीनामे का दवाब बनाया।धमकाया गया।नही मानी तो 24 जुलाई को दो बजे करीब पीड़िता व उसकी मां को धक्के मारकर निकाल दिया।फिर 26 जुलाई को मामला मीडिया में उजागर हुआ व खबरे चलनी शुरू हुई तो 5 दिन बाद पीड़िता परिवाद दर्ज किया गया।परिवाद दर्ज होने के बाद बौखलाए तथाकथित आरोपीगण महिला के घर मे घुसकर उसको धमकाया व बयान बदलने एवं राजीनामे के लिए जबरन गाड़ी में डालकर रात्रि को थाने लाकर  हर सम्भव दबाव बनाया।जब पीड़िता नहीं मानी तो अश्लील गाली-गलौज कर रात्रि दस के करीब उसे घर छोड़ दिया।
      अब पीड़िता ने एसपी बीकानेर से एसएचओ व थाना स्टाफ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सख्त कानूनी कार्यवाही की गुहार लगाई है।
   सवाल केवल इस घटना का नहीं है।सवाल है क्या ऐसे खाकी नुमाइंदों के रहते राजस्थान अपराध मुक्त हो सकता है..? क्या ऐसे अधिकारी सरकार की इस मुहिम को पलीता नही लगा रहे है..?? ऐसे में अपराधमुक्त राजस्थान व नारी सुरक्षा की सरकारी मुहिम कैसे कामयाब होगी…??? सरकार ,समाज व कानून के सामने यह बड़ी चुनौती है..।

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