तीन नए कानूनों को लेकर देशनोक थाने में हुई सीएलजी सदस्यों की बैठक,CM की वीसी से जुड़े सदस्य
अबतक इंडिया न्यूज देशोक 1 जुलाई । सोमवार को देश मे लागू हुए तीन नए आपराधिक कानूनों को लेकर देशनोक थानाधिकारी श्री मती सुमन शेखावत की अध्यक्षता में सीएलजी सदस्यों की बैठक आयोजित की गई।बैठक में सीएलजी सदस्यों को तीनों नए कानूनों की विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। इस अवसर पर तीनों कानूनों को लेकर मुख्यमंत्री भजनलल की वीसी के साथ भी सदस्यों को जोड़ा गया । साथ ही सदस्यों को अपने अपने क्षेत्रों में लोगो इन कानूनों के प्रति जागरूक करने की अपील की गई।
तीन नए आपराधिक कानूनों ने किन पुराने कानूनों की जगह ली?
दरअसल, भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1 जुलाई से देशभर में लागू हो गए हैं. इन्हें तीन नए आपराधिक कानूनों के तौर पर जाना जा रहा है. इन कानूनों ने ब्रिटिश काल के भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ली है. भारतीय दंड संहिता 163 साल पुराना कानून था, जिसकी जगह अब बीएनएस ने ले ली है. बीएनएस में धोखाधड़ी से लेकर संगठित अपराध के लिए कड़ी सजा का प्रावधान है.
भारतीय न्याय संहिता में क्या है खास?
भारतीय न्याय संहिता यानी बीएनएस में 358 सेक्शन हैं, जबकि आईपीसी में 511 सेक्शन हुआ करते थे. इसमें 21 नए तरह के अपराधों को शामिल किया गया है. 41 अपराधों के लिए कारावास की सजा की अवधि को बढ़ाया गया है. 82 अपराधों में जुर्माने की राशि को भी बढ़ाया गया है. बीएनएस में 25 ऐसे अपराध हैं, जिसमें कम से कम सजा का प्रावधान किया गया है. नए कानून में 6 ऐसे अपराध हैं, जिनके लिए सामाजिक सेवा का दंड दिया जाएगा. साथ ही अपराध के 19 सेक्शंस को हटा दिया गया है.
हालांकि, यहां गौर करने वाली बात ये है कि जिन अपराधों में मुकदमों को 1 जुलाई से पहले दर्ज किया गया है, उनमें कार्रवाई आईपीसी, सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत ही होगी. केंद्र सरकार ने फरवरी में ही गजट नोटिफिकेशन जारी कर तीनों नए आपराधिक कानूनों को 1 जुलाई से लागू करने का ऐलान किया था.
इस बैठक में सहायक उप-निरीक्षक हनुवंत सिंह,हेड कांस्टेबल नथाराम,पप्पू कड़वासरा पलाना,भंवरलाल नायक,रमेश शर्मा देशनोक सहित केसेरदेसर जाटान, गीगासर, आम्बासर,बरसिंगसर के सदस्य मौजूद रहे