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CM के नोखा दौरे से पूर्व भाजपा पार्षद का इस्तीफा ! मची सियासी खलबली ,नोखा पालिका पर फर्जी पट्टा व भ्रष्टाचार का आरोप

अबतक इंडिया न्यूज 26 जुलाई नोखा । 28 जुलाई को  सीएम  भजनलाल के प्रस्तावित  दौरे  से पूर्व ही नोखा नगर पालिका के भाजपा  पार्षद ने इस्तीफा देकर नोखा की सियासत में खलबली मचा  दी है ।  भाजपा की सत्ता में भाजपा के सीएम के दौरे से पूर्व भाजपा के ही पार्षद का इस्तीफा कहीं ना कहीं  सत्ता व संगठन  में अनदेखी की व अनसुनी की कोई न कोई बात जरूर है ।

नोखा नगर पालिका के वार्ड नंबर 42 के भाजपा पार्षद जेठू सिंह राजपुरोहित ने शुक्रवार को नोखा नगर पालिका पर सरकारी योजनाओं में करोड़ों रुपए की धांधली का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दिया है।   पार्षद ने वार्ड 42 के साथ सफाई व्यवस्था में, विकास में, अनदेखी व  सौतेले व्यवहार का आरोप लगाया  है । इस्तीफा पत्र में भाजपा पार्षद ने खुलकर अपने मन की बात कही है ।  इस्तीफा पत्र में कई बार नोखा नगर पालिका के भ्रष्टाचार एव  धांधली के आरोप लगाए गए है।  पार्षद का कहना है कि जनता के विकास कार्य तो नहीं हुए लेकिन पिछले  साढ़े तीन  साल में 18 अधिशासी अधिकारियों का तबादला हुआ है।   इन  तबादला से इतना तो स्पष्ट है की  पालिका मुखिया ने अधिकारियों पर अनुचित कार्य का अनैतिक दवा बनाया है ।

       नोखा नगर पालिका के वर्तमान कार्यकाल में फर्जी पट्टा जारी करने का भी गंभीर आरोप लगाया है साथ ही करोड़ों रुपए की हेरा फेरी का भी आरोप लगाया है।  पार्षद का कहना है की सरकारी योजनाओं में  धांधली व  करोड़ों रुपए की हेरा फेरी एव फर्जी पट्टा इन तमाम मामलों की जांच को लेकर  राजपुरोहित कई बार सरकार को पत्र लिख चुके हैं लेकिन अब तक उनकी किसी भी प्रकार की कोई जांच नहीं हुई, इसलिए उन्होंने अपने इस्तीफे मे स्पष्ट  चेतावनी  दी है  की अगर 7 दिन में उनकी सभी मांगों पर गौर नहीं किया गया तो इस्तीफा  स्वतः  ही स्वीकार समझा जावे ।

अब सवाल खड़ा होता है की भाजपा की सत्ता में भाजपा के ही पार्षद को भ्रष्टाचार की जांच करवाने के लिए अगर इस्तीफा देने की  नौबत आती है तो मामला जरूर गंभीर है । अब कितना गंभीर है ,क्या भ्रष्टाचार है ,क्या अव्यवस्थाएं हैं और इसमें क्या राजनीति है यह अपनी जगह  है ,लेकिन इस्तीफा देने का  जो  समय है वह बेहद चौंकाने वाला है।  सीएम के दौरे से मैच 2 दिन पहले  इस्तीफे की पेशकश के  कई की सियासी मायने हो सकते हैं लेकिन फर्जीवाड़ा, भ्रष्टाचार, बदहाल  व लचर व्यवस्था की बात या मुद्दा या समस्या को उजागर करने का इससे मुनासिब अवसर नहीं हो सकता।

कल ही भाजपा ने नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति की है । उपचुनाव को लेकर रणनीति बनाई जा रही है । दूसरी तरफ चुने हुए जनप्रतिनिधि इस्तीफा दे रहे है । कुछ  दिन पूर्व भाजपा के  एक कद्दावर नेता ने वर्तमान भाजपा सरकार मे विधायकों की स्थिति की जो बात कही वो बेहद चौकनेवाली है । उनका कहना था की जनहित के कार्यों के लिए  जनता द्वारा चुने हुए विधायकों को मुख्य सचिव के ऑफिस के बाहर लाइन मे खड़ा होना पड़ता है ।

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