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बैनर पॉलिटिक्स :- ओछी राजनीति को दर्शाता देशनोक पालिका का एक बैनर…

अबतक इंडिया न्यूज 21 जुलाई देशनोक । देशनोक नगरपालिका भवन पर एक बैनर लगा है जिसमे सीएम के साथ देशनोक पालिकाध्यक्ष मूंधड़ा सहित सभी पार्षदों के फोटो है लेकिन क्षेत्रीय विधायक अंशुमान सिंह भाटी का फोटो बैनर से नदारद है।ऐसा कोई पहली बार नही हुआ हैं।26 जनवरी को भी ऐसा ही एक होर्डिंग लगाया गया था उसमें विधायक का फोटो नही था।
आश्चर्यजनक बात तो यह है पार्टी के विधायक का फोटो नदारद होने के बावजूद न तो स्थानीय भाजपा संगठन और न ही नेता प्रतिपक्ष का कोई विरोध सामने आया है। ऐसे मे यह बैनर स्थानीय गलियारों मे चर्चा का विषय बन चुका है।पुराने व वरिष्ठ भाजपाई अपने ही संगठन व पार्षदों को कोसते हुए नजर आ रहे है।लेकिन जिन्हें राजनीतिक स्तर पर विरोध करना चाहिए वो तमाम प्रतिनिधि खामोश है।
एनसीपी से भाजपा में आए पार्षद चण्डी दान ने इसका विरोध जताते हुए मीडिया में बयान दिया है।उनका कहना है कि ” यह पालिकाध्यक्ष मूंधड़ा की ओछी मानसिकता है,यह सरासर विधायक जी का अपमान है ,इसे किसी भी सूरत में बर्दास्त नही किया जायेगा।”
वहीं पूर्व देशनोक भाजपा मंडल अध्यक्ष व वरिष्ठ भाजपा नेता रामेश्वर सुथार की इस प्रकरण मे प्रतिक्रिया सामने आई है।सुथार ने सख्त नाराजगी जताते हुए कहा कि “क्षेत्रीय विधायक सरकार में हमारे विधानसभ क्षेत्र के प्रतिनिधि है।उनके ही क्षेत्र में सीएम व भाजपा पार्षदों के फोटो लगाकर विधायक जी फोटो नही लगाना केवल अनुचित नही अपमानजनक है।”
अब यहां बड़ा सवाल खड़ा होता है कि भाजपा संगठन व पार्षद अपने ही विधायक के अपमान पर खामोश क्यों है ? क्या उन्हें भाजपा से ज्यादा कांग्रेसी पालिकाध्यक्ष से प्रेम है ? वजह जो भी हो सत्ता व संगठन के लिए बड़ी चिंता का विषय हैं। क्योंकि पूर्व में कई भाजपा पार्षदों पर कांग्रेस पालिका बोर्ड के प्रति नरम रवैये के आरोप लग चुके है जो समाचारों में खासे चर्चित रहे हैं।संख्या बल के लिहाज से देशनोक पालिका में भाजपा फ्रंट फुट पर हैं लेकिन कार्यशीलता में भाजपा पूरी तरह बैकफुट पर नजर आती है।सवाल केवल बैनर में फोटो का नही है…..सवाल है जिस पार्टी की टिकट पर पार्षद जीतकर पालिका पहुंचे है उस पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा क्या है।
विधायक जी को अपने ही लोग कर रहे गुमराह
पिछले तीन वर्षों से देशनोक पालिका में कांग्रेस की सत्ता में ‘ मलाई’ को सुख भोग रहे कुछ भाजपा पार्षद अब भाजपा का दुपट्टा गले मे डालकर भाजपाई होने का दम तो खूब भर रहे है लेकिन अपनी जुबान में कांग्रेस की कार्यशैली को बढ़ा रहे है। तथाकथित विकास के नाम पर अपने ही विधायक को गुमराह कर रहे है।अपने निजी हित में इस कदर डूब चुके है कि उन्हें दूर दूर तक न तो जनहित नजर आता है और न ही पार्टी हित।विधायक जी टीम का अपने आप को खास मानने वाले भी अपने व्यवसायिक हित के लिए विधायक को गुमराह कर रहे।