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बजट पर पर अशोक गहलोत का रिएक्शन, कहा- नीरस और दिशाहीन है यह बजट

अबतक इंडिया न्यूज 11 जुलाई । राज्य के बजट पर पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने प्रतिक्रिया देते हुए इसे नीरस और दिशाहीन बताया. गहलोत ने कहा कि इस बजट में सरकार का कोई विज़न नहीं दिख रहा. उन्होंने कहा कि इसमें ना तो ओपीएस पर कोई बात की गई, ना ही चिरंजीवी योजना पर कोई सार्थक बात हुई.

पूर्व सीएम ने कहा कि, “हमारी सरकार ने मिशन 2030 के तहत राजस्थान को नंबर 1 बनाने का लक्ष्य रखा था. मुझे आशा थी कि हमारी सरकार जाने के बाद भाजपा सरकार कम से कम राजस्थान की बेहतरी के लिए इस मिशन को ध्यान में रखकर काम करेगी और विकास की बेहतरीन योजनाएं लाएगी. आज राजस्थान सरकार द्वारा लाए गए बजट का शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा से कोई सरोकार नहीं लगता है.

हमारी सरकार द्वारा इन क्षेत्रों में चलाई गईं योजनाओं एवं किए गए कामों में कमी बजट के आंकड़ों में साफ दिखाई दे रही है. इस बजट से ना जनता को राहत मिली है और ना ही कोई विकास का रोडमैप बन रहा है. पिछले 10 साल से जैसा केन्द्र सरकार का बजट नीरस एवं दिशाहीन होता है वैसे ही आज राजस्थान सरकार का बजट भी नीरस और दिशाहीन आया है.

जनता को उम्मीद थी कि मोदीजी की गारंटी के मुताबिक पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम की जाएंगी परन्तु ऐसा नहीं किया गया. बल्कि हमारी सरकार की महंगाई से राहत देने वाली योजनाओं जैसे 100 यूनिट फ्री बिजली, अन्नपूर्णा राशन किट, इन्दिरा रसोई, फ्री कृषि बिजली आदि के लिए कोई बजट आंवटन नहीं किया है यानी आने वाले दिनों में जनता को महंगाई का सामना करना पड़ेगा. बजट के दिन ही रोडवेज एसी बसों का किराया 10 पैसे प्रति किलोमीटर बढ़ाकर सरकार ने अपना उद्देश्य जाहिर कर दिया है.

सरकार ने बजट में नए ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे की DPR बनाने की घोषणा कर वाहवाही लेने का प्रयास किया है. हमारी सरकार प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र को 10 करोड़ रुपये सड़कों के लिए देती थी जिसे इस सरकार ने 5 करोड़ रुपये कर दिया है. यह दिखाता है कि ये सरकार काम में नहीं सिर्फ पैकेजिंग में भरोसा करती है.

यह आश्चर्य की बात है कि 25 लाख रुपये राशि वाली चिरंजीवी बीमा योजना की जगह पर ये सरकार 5 लाख रुपये राशि की आयुष्मान भारत योजना को लागू करना चाहती है. चिरंजीवी योजना में राजस्थान का प्रत्येक परिवार कवर था पर आयुष्मान भारत में प्रदेश की 50% आबादी भी शामिल नहीं होगी. चिरंजीवी योजना में बड़ी संख्या में अस्पताल शामिल थे पर आयुष्मान योजना में अस्पतालों की संख्या बेहद कम है.

OPS को लेकर भी सरकार की कोई राय बजट में नहीं आई है. केन्द्रीय वित्त मंत्री लगातार OPS का विरोध करती रही हैं परन्तु राज्य की वित्त मंत्री ने OPS पर कोई राय नहीं रखी जिससे राज्य के कर्मचारियों में असमंजस की स्थिति है. सरकार को OPS पर अपनी राय स्पष्ट करनी चाहिए.”

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