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अपनी ही लाडो के खिलाफ माँ -बाप ने रची खौफनाक साजिश, मौत के 27 दिन बाद पुलिस ने किया दोनों को बेनकाब

अबतक इंडिया न्यूज 16 जून । करौली जिले के हिंडौन के नई मंडी थाना इलाके में करीब 25 दिन पहले हुई 10 साल की नाबालिग लड़की की मौत का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. लड़की ने मां से तकरार होने के बाद आग जरुर खुद लगाई थी. लेकिन बाद में उसके माता-पिता ने इलाज के दौरान उसे जहर दे दिया जिससे उसकी मौत हो गई. उनकी इस साजिश में लड़की का मामा भी शामिल था. पुलिस ने केस की जांच के बाद ‘दूध का दूध और पानी का पानी’ करते हुए लड़की माता-पिता और उसके मामा को गिरफ्तार कर लिया है.

पुलिस के अनुसार डिंपल मीणा  बीते 9 मई को में हिंडौन की नई मंडी थाना इलाके से गुजरने वाली रेलवे लाइन के पास जली हुई अवस्था में मिली थी. उसे इलाज के लिए हिंडौन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. लेकिन उसकी हालत में सुधार नहीं होता देखकर उसे जयपुर रेफर किया गया था. जयपुर में इलाज के दौरान डिंपल की 19 मई की रात को मौत हो गई. परिजनों ने इस मामले में पुलिस को गुमराह करने के लिए हिंडौन के ही एक युवक को फंसाने की साजिश रची.

आरोप-दर-आरोप से पूरा केस उलझ गया था
उन्होंने बालिका के साथ गैंग रेप की आशंका जताते हुए उसे जलाकर फेंकने का आरोप लगाया. उसके बाद इस मामले को लेकर विभिन्न संगठनों की ओर से धरने प्रदर्शन और ज्ञापन दिए गए. इस संबंध में उसके पिता ने करण सिंह ने दो अज्ञात लोगों पर बालिका पर पेट्रोल छिड़ककर जलाने और फिर शव फेंकने का आरोप लगाया. एक के बाद एक नए आरोपों से इस पूरे केस की कहानी उलझ गई थी.

मां-बेटी का झगड़ा हुआ था
करौली पुलिस अधीक्षक बृजेश ज्योति उपाध्याय ने बताया कि जांच में सामने आया कि बालिका का घटना से पहले अपनी मां कमलेश के साथ किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ था. झगड़े के बाद बालिका ने खुद पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा ली. घटना के बाद माता-पिता ने मामले को छिपाने का प्रयास किया. उन्होंने खुद ही बालिका को पटरियों के पास पटका. फिर उसे अस्पताल में भर्ती कराया. बाद में अज्ञात लोगों पर उसे जली हुई हालत में फेंककर जाने का आरोप लगाया.

मौत से करीब 24 घंटे पहले दिया गया था जहर
लड़की के परिजनों ने बाद में इस मामले में हिंडौन सिटी के एक युवक को झूठा फंसाने के लिए झूठे साक्ष्य पेश किए. लेकिन लड़की की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में रेप की पुष्टि नहीं हुई. जयपुर में बालिका के उपचार के दौरान उसकी मौत से 24 घंटे पहले परिजनों ने उसे कीटनाशक पिला दिया. बालिका की तबीयत बिगड़ने लगी तो परिजनों ने लिखित में उसे ऑक्सीजन सपोर्ट देने की सहमति नहीं दी. इसके चलते उसकी मौत हो गई. मेडिकल रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हो गई है. बहरहाल पुलिस पूरे मामले की गहनता से जांच में जुटी है.

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