अबतक इंडिया न्यूज 6 जून । सनातन धर्म में अमावस्या का महत्व है. खास कर उस दिन अगर शनि जयंती पड़ रही हो तो उसका महत्व और बढ़ जाता है. इसे ज्येष्ठ अमावस्या भी कहा जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन पूजा पाठ का विशेष लाभ मिलता है. इस वर्ष 6 जून को शनि जयंती और वट सावित्री पूजा एक साथ है. इसलिए इसे शुभ माना गया है. यानि इस दिन पूजा का दोहरा लाभ मिलेगा.
इस संबंध में ज्योतिष के अनुसार इस दिन का विशेष महत्व है. जो भी इस दिन गंगा स्नान कर दान करते हैं उन्हें लाभ मिलता है. उन्होंने बताया इस दिन शनि भगवान की विशेष पूजा करें. शनि भगवान पर सरसों का तेल चढ़ाएं.
शनि जयंती के दिन शनि देव की कृपा प्राप्त करने के लिए कई उपाय किए जाते हैं. आइए जानते हैं कि शनि जयंती के दिन किस पूजन विधि से शनि देव को प्रसन्न किया जा सकता है.
शनि देव की पूजन विधि
- शनि जयंती के दिन सुबह उठकर स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए. इसके बाद शनि देव की विधिपूर्वक पूजा करें. इस दिन शनि मंदिर जाकर उनके दर्शन करने चाहिए और उनका आशीर्वाद लेना चाहिए.
- शनि जयंती के दिन शनि देव का सरसों के तेल और काले तिल से अभिषेक करना चाहिए. इस दिन शनि मंदिर में जाकर पीपल के वृक्ष पर जल अर्पित करना चाहिए. इससे शनि दोष से राहत मिलती है.
- इस दिन शनि चालीसा का पाठ करें या शनि देव के मंत्रों का जाप करें. शनि जयंती के दिन हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करने से शनि देव जल्द प्रसन्न होकर भक्तों को अपना आशीर्वाद देते हैं.
- शनि जयंती के दिन काले कुत्ते को सरसों के तेल से बनी रोटी खिलाना बहुत अच्छा होता है. इस दिन कौवों को खाना खिलाना भी शुभ माना जाता है. शास्त्रों के अनुसार ऐसा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं.
- मान्यता है कि हनुमान जी के भक्तों को शनि देव कभी परेशान नहीं करते. ऐसे में शनि जयंती के दिन हनुमान जी को चमेली के तेल का दीपक दान करना चाहिए और सिंदूर का चोला चढ़ाना चाहिए.
- गरीबों की सेवा करने से भी शनि देव प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा बरसाते हैं. शनि जयंती के दिन गरीबों को काला तिल, वस्त्र, उड़द की दाल, जूते-चप्पल और कंबल का दान करना चाहिए.
- शनि जयंती के दिन उपवास रखना चाहिए. अगर संभव न हो तो पूरे दिन में केवल एक बार भोजन करें. काले कपड़ पहनकर और शनि देव की पूजा करने से लाभ होता है.
कब तक है मुहूर्त
ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की अमावस्या गुरुवार 6 जून को है. ये गुरुवार शाम 6 बजकर 8 मिनट तक रहेगी. वट सावित्री व्रत और शनि जयंती दोनों एक साथ पड़ रहे हैं. हिंदू धर्म में मान्यता है इस दिन गंगा स्नान का लाभ मिलता है.
वट सावित्री व्रत और शनि जयंती
6 जून को ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि है. वट सावित्री व्रत और शनि जयंती भी है. इस तिथि पर रोहिणी नक्षत्र और धृति योग का संयोग रहेगा. चंद्रमा वृषभ राशि में मौजूद रहेंगे. शुभ मुहूर्त की बात करें तो अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 56 मिनट से 12 बजकर 44 मिनट का है. राहुकाल 2 बजकर 03 मिनट से लेकर 3 बजकर 47 मिनट तक रहेगा.
शुभ मुहूर्त का समय
इस दिन तंदूर की बनी रोटी कुत्तों को खिलाएं. इस दिन आराधनाः ऊं हं हनुमते रूद्रात्मकाय हुं फट कपिभ्यो नम: का माला जाप करें. इस दिन खरीददारी करने का समय शामः 03:00 से 04:30 तक है.