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इमरजेंसी की बरसी पर PM मोदी का प्रहार- कांग्रेस ने तो संविधान को रौंद दिया, आजादी खत्म कर दी

अबतक इंडिया ने 25 जून । देश में इमरजेंसी के आज 49 साल पूरे हो गए. आज इमरजेंसी की 50वीं बरसी है. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस को खूब सुनाया. इमरजेंसी की बरसी के मौके पर पीएम मोदी ने कांग्रेस पार्टी पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी ने तो संविधान को रौंद दिया और आजादी खत्म कर दी. कांग्रेस को संविधान के प्रति प्रेम का इजहार करने का कोई हक नहीं. इमरजेंसी लगाकर कांग्रेस ने देश को जेलखाना बना दिया था. पीएम मोदी ने एक्स पर कई पोस्ट कर कांग्रेस की जमकर आलोचना की है.

पीएम मोदी ने कहा, ‘आज का दिन उन सभी महान पुरुषों और महिलाओं को श्रद्धांजलि देने का दिन है, जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया. इमरजेंसी हमें याद दिलाता है कि कैसे कांग्रेस पार्टी ने बुनियादी स्वतंत्रताओं को नष्ट किया और भारत के संविधान को रौंद दिया, जिसका हर भारतीय बहुत सम्मान करता है.’ पीएम मोदी ने एक्स पर सिलसिलेवार पोस्ट में और क्या-क्या कहा?

सत्ता पर काबिज रहने के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने हर लोकतांत्रिक सिद्धांत की अवहेलना की और देश को जेलखाना बना दिया. कांग्रेस से असहमत होने वाले हर व्यक्ति को प्रताड़ित किया जाता था और परेशान किया जाता था. सबसे कमजोर तबकों को निशाना बनाने के लिए सामाजिक रूप से प्रतिगामी नीतियां लागू की गईं.

आपातकाल लगाने वालों को हमारे संविधान के प्रति अपने प्रेम का दावा करने का कोई अधिकार नहीं है. ये वही लोग हैं जिन्होंने अनगिनत मौकों पर अनुच्छेद 356 लगाया, प्रेस की आजादी को खत्म करने वाला विधेयक पारित किया, संघवाद को नष्ट किया और संविधान के हर पहलू का उल्लंघन किया.

आपातकाल लगाने वाली मानसिकता उसी पार्टी में बहुत ज्यादा जीवित है जिसने इसे लगाया था. वे अपने दिखावे के जरिए संविधान के प्रति अपने तिरस्कार को छिपाते हैं लेकिन भारत की जनता उनकी हरकतों को समझ चुकी है और इसीलिए उन्होंने उन्हें बार-बार नकारा है.

जेपी नड्डा-राजनाथ ने भी किया हमला
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि जो लोग आज भारतीय लोकतंत्र के संरक्षक होने का दावा करते हैं, उन्होंने संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए उठाई गई आवाजों को दबाने का कोई मौका नहीं छोड़ा. वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा 1975 में लगाया गया आपातकाल भारतीय लोकतंत्र में एक काला अध्याय है, जिसे चाह कर भी भुलाया नहीं जा सकता. उन्होंने कहा, ‘सत्ता के दुरुपयोग और तानाशाही का जिस तरह खुला खेल उस दौरान खेला गया, वह कई राजनीतिक दलों की लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता पर बहुत बड़ा सवालिया निशान खड़ा करता है.’

भाजपा ने क्यों की आलोचना?
भाजपा ने कांग्रेस की तीखी आलोचना ऐसे समय की है, जब विपक्षी दल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर संविधान के खिलाफ काम करने का आरोप लगा रहे हैं. 18वीं लोकसभा का पहला सत्र सोमवार को शुरू होने पर कांग्रेस और अन्य विपक्षी सदस्य संसद में संविधान की प्रतियां लेकर गए थे. पीएम मोदी ने सोमवार को कांग्रेस पर निशाना साधने के लिए आपातकाल लगाए जाने का भी जिक्र किया था और लोगों से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया था कि ऐसा दोबारा न हो.

आज आपातकाल के 49 साल
बता दें कि साल 1975 में 25-26 जून की दरम्यानी रात से 21 मार्च 1977 तक (21 महीने) के लिए भारत में आपातकाल घोषित किया गया था. तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कहने पर भारतीय संविधान की धारा 352 के अधीन आपातकाल की घोषणा कर दी थी. स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह सबसे विवादास्पद और अलोकतांत्रिक समय था। आपातकाल में चुनाव स्थगित हो गए थे और सभी नागरिक अधिकारों को समाप्त कर दिया गया था.

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