अबतक इंडिया न्यूज 15 जून । वैदिक पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन गंगा दशहरा का त्योहार मनाया जाता है. धार्मिक शास्त्रों के अनुसार इस तिथि पर धरती पर मां गंगा का अवतरण हुआ था. इस दिन गंगा नदी में डुबकी लगाने से पूर्व में किए हुए पाप नष्ट हो जाते हैं. इस साल गंगा दशहरा का पर्व कल यानी 16 जून को मनाया जाएगा. आइए जानते हैं इस दिन गंगा मैया की पूजा करने का शुभ मुहूर्त, विधि और महत्व.
गंगा दशहरा 2024 तिथि
वैदिक पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि की शुरुआत 16 जून को रात 2 बजकर 32 पर होगी. वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 17 जून को सुबह 4 बजकर 45 मिनट पर होगा. इसके चलते गंगा दशहरा का पर्व 16 जून को मनाया जाएगा. वहीं, हस्त नक्षत्र सुबह 8 बजकर 14 मिनट से लेकर सुबह 11 बजकर 13 मिनट तक रहेगा. ये समय पूजा करने के लिए सर्वश्रेष्ठ रहेगा.
गंगा दशहरा पूजा विधि
– गंगा दशहरा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर गंगाजल से स्नान करें.
– इसके बाद सभी देवी-देवताओं का जलाभिषेक करें.
– मंदिर में घी का दीपक और धूप जलाएं.
– फिर मां गंगा के साथ-साथ भगवान शिव की विधि विधान से पूजा करें.
– श्रद्धाभाव से मां गंगा की आरती और चालीसा का पाठ करें.
गंगा दशहरा का महत्व
हिन्दू धर्म में गंगा नदी को देवी के रूप में पूजा जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गंगा में डुबकी लगाने से पापों से मुक्ति मिल जाती है और जीवन में सुख-शांति का वास होता है.
गंगा आरती
ओम जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता ।
जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता ॥
चंद्र सी जोत तुम्हारी, जल निर्मल आता ।
शरण पडें जो तेरी, सो नर तर जाता ॥
॥ ओम जय गंगे माता..॥
पुत्र सगर के तारे, सब जग को ज्ञाता ।
कृपा दृष्टि तुम्हारी, त्रिभुवन सुख दाता ॥
॥ ओम जय गंगे माता..॥
एक ही बार जो तेरी, शारणागति आता ।
यम की त्रास मिटा कर, परमगति पाता ॥
॥ ओम जय गंगे माता..॥
आरती मात तुम्हारी, जो जन नित्य गाता ।
दास वही सहज में, मुक्त्ति को पाता ॥
॥ ओम जय गंगे माता..॥
ओम जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता ।
जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता ॥
ओम जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता ।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. AbTak india news . com इसकी पुष्टि नहीं करता है.)